d कहते हैं कि कामयाबी पाने की राह आसान नहीं होती। इस राह में कई कई रुकावटें होती हैं। कई बार सच्चाई को न स्वीकार पाने की हमारी फितरत हमारी सबसे बड़ी रुकावट बन जाती है और हम अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाते। इंसान केवल उन्हीं चीजों को स्वीकार कर पाता है, जो उसे खुशी देती हों। इसलिए अक्सर हम जिन्दगी के कड़वे सच से भागते हैं। लेकिन जिंदगी में कामयाबी और अपने लक्ष्य को पाने के लिए सबसे अहम है कि हर किसी को सच्चाई को स्वीकार करना आना चाहिए। इंक डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में ऐसी ही 3 सच्चाइयों का जिक्र है, जिन्हें स्वीकार करना लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जरूरी है-
केवल आपकी राह में ही नहीं हैं मुश्किलें
कई लोग ऐसे हैं, जिन्हें लगता है कि केवल उन्हीं के सामने मुश्किलें हैं या या फिर उनकी परेशानी सबसे अलग, विशेष और सबसे बड़ी है लेकिन ऐसा नहीं है। सच तो यह है कि दुनिया के हर शख्स की जिन्दगी में कोई न कोई परेशानी होती है। दरअसल हम परेशानियों को एक बहाने की तरह अपनी असफलता में बचाव के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। हम खुद पर कोई जिम्मेदारी या दोष नहीं लेना चाहते तो मुश्किलों पर ठीकरा फोड़ देते हैं। लेकिन इंसान को अपनी असफलता को स्वीकारना आना चाहिए। जब वह अपनी नाकामी को स्वीकारेगा, तभी उसे अपनी गलतियों का पता चलेगा और वह आगे चलकर उन्हें दोहराने से बचेगा। इसलिए बेहतर होगा कि परेशानियों या मुश्किलों को ढाल न बनाया जाए।
दूसरा नहीं करेगा आपके लक्ष्य की परवाह
यह बात कड़वी जरूर है लेकिन सच यही है कि आपके लक्ष्य को जितने अच्छे से आप समझते हैं और उसकी परवाह जितनी आपको है, उससे ज्यादा कोई और नहीं कर सकता। इसलिए आपको दूसरों की कही गई नेगेटिव या हतोत्साहित करने वाली बातों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। कई लोग ऐसे भी होते हैं, जो ये जानते हैं कि आप अपने लक्ष्य को पूरा कर लेंगे लेकिन नहीं चाहते कि आप ऐसा करें, इसलिए वे आपको हतोत्साहित करने की कोशिश में रहते हैं। इसलिए बेहतर होगा कि आप उनकी बातों से निराश हुए बिना केवल अपने लक्ष्य पर ध्यान केन्द्रित करें।
समय के साथ बदलना है जरूरी
परिवर्तन संसार का नियम है। बदलते दौर के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने के लिए जरूरी है कि इंसान खुद को नए बदलाव के अनुरूप ढाले। नए वक्त के साथ जो भी जरूरी स्किल, स्ट्रेटेजी, तौर-तरीके, और व्यवहार हैं, उन्हें सीखे और जीवन व अपने काम में अपनाए। कई लोग लकीर के फकीर बने रहकर बदलाव को नहीं अपनाते और जिन्दगी की रेस में अक्सर पीछे रह जाते हैं।
No comments:
Post a Comment