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Tuesday 9 April 2019

You can open online shop in just 50 rupees on shopmatic platform | मात्र 50 रुपए में खोलिए अपनी ऑनलाइन दुकान, एक साल तक बिना खर्च कीजिए कमाई

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 भारत में ई-कॉमर्स परिदृश्य को बदलने वाली अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनी शॉपमैटिक एसएमई और इच्छुक उद्यमियों के लिए अपना प्लेटफॉर्म केवल 50 रुपए में एक साल के लिए उपलब्ध करा रही है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए ग्राहक अपना ऑनलाइन स्टोर स्थापित कर सकते हैं। ग्राहक ऑनलाइन स्टोर को प्रबंधित करने के लिए शॉपमैटिक प्लेटफॉर्म की पावर-पैक सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं और सफल बिक्री करने पर उन्हें केवल 3 फीसद शुल्क का भुगतान करना है। शॉपमैटिक यह स्वीकार करता है कि ई-कॉमर्स से अवसरों का लाभ उठाने के लिएए एसएमई और इच्छुक उद्यमियों के पास ज्यादा निवेश या प्रतिबद्ध शुल्क के बोझ के बिना एक व्यापक प्लेटफार्म का उपयोग करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए और इसलिए उसने इस बेहतरीन पेशकश को लॉन्च किया है।

एक साल में 5 लाख ग्राहक जोड़ने का लक्ष्य
शॉपमैटिक के सह-संस्थापक और सीईओए अनुराग अवुला ने कहा कि शॉपमैटिक ने हमेशा ही अपने ग्राहकों के लिए एक सफल ईकॉमर्स व्यवसाय को सक्षम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह लॉन्च अपने ग्राहकों के प्रति शॉपमैटिक की प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि हम नई क्षमताओं में निवेश करना जारी रखेंगे और अपने ई-कॉमर्स यात्रा में अपने ग्राहकों का समर्थन करेंगे। हमने मूल्य और डिवाइस एक्सेसिबिलिटी की बाधाओं को दूर करके ऑनलाइन बिक्री के इच्छुक लोगों के लिए बाधाओं को समाप्त कर दिया है। देश में स्मार्टफोन की पहुंच का लाभ उठाकर और हमारे मूल्य निर्धारण में सुविधाएं देकर, हम अगले 12 महीनों में 500,000 ग्राहकों को ईकॉमर्स इकोसिस्टम में लाने का इरादा रखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में ई-कॉमर्स के तेजी से बढ़ते क्षेत्र होने के बावजूद सभी एसएमबीए शौकीनों, शिल्पकारों, कारीगरों और व्यवसायों ने काफी ज्यादा निवेश होने की वजह से ई-कॉमर्स मार्ग को नहीं अपनाया है और इसकी वजह यह धारणा भी है कि ई-कॉमर्स व्यवसाय स्थापित करना मुश्किल है। इसके अलावा, व्यवसाय इस बात पर भी अनिश्चित है कि क्या वे वेबसाइट डेवलपर्स या ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म प्रदाताओं को महत्वपूर्ण शुल्क देने के बाद भी सफल होंगे?

मिनटों में बना सकते हैं ई-कॉमर्स स्टोर


अवुला ने कहा कि शॉपमैटिक इस लॉन्च के साथ इन परेशानियों को दूर करता है। शॉपमैटिक के साथ ऑनलाइन जाना अब मुश्किल नहीं है, क्योंकि व्यवसायी शॉपमैटिक ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं या शॉपमैटिक खाते के लिए कंप्यूटर, टैबलेट या अपनी सुविधा अनुसार किसी भी डिवाइस से साइन अप कर सकते हैं और मिनटों में एक ईकॉमर्स स्टोर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, शॉपमैटिक की मूल्य निर्धारण योजनाएं अब ग्राहकों की सफलता से जुड़ी हैं। व्यापारियों को एक सफल बिक्री पर केवल 3 फीसद लेनदेन शुल्क और 12 महीने के अंत में होस्ट की फीस 50 रुपए देना है। 

अब तक 50 हजार विक्रेताओं की मदद


अवुला ने कहा कि शॉपमैटिक ने उपयोग में आसानए पावर-पैक टूल और कार्यक्षमता प्रदान करके एक संपन्न ऑनलाइन व्यवसाय स्थापित करने में 50,000 से अधिक विक्रेताओं की मदद की है। इस नवीनतम गेम-चेंजिंग पहल के साथ, शॉपमैटिक का उद्देश्य प्रत्येक भारतीय व्यवसायी को अपनी ई-कॉमर्स क्षमता को अनलॉक करने में सक्षम बनाना है। उन्होंने कहा कि हर सफल लेन-देन पर केवल केवल 3 फीसद लेनदेन शुल्क और 50 रुपए के वार्षिक होस्टिंग शुल्क के साथ ऑनलाइन उद्यमियों के पास ऑनलाइन बेचने के लिए पूरा इकोसिस्टम होगा।

Opportunities to earn3 lakhs rupees in 3 months | इस बिजनेस में मात्र 15 हजार रुपए लगाकर 3 महीने में कमा सकता हैं लाखों रुपए, आपके पास भी है मौका

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 बाजार में नैचुरल प्रोडक्ट की मांग हमेशा रहती है। अधिकतर लोग कैमिकल युक्त प्रोडक्ट्स की बजाय प्राकृतिक प्रोडक्ट्स ही अपनाते हैं। नैचुरल प्रोडक्ट्स हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं और ना ही इनके कोई साइट इफेक्ट होते हैं। ऐसे में अगर इसे बिजनेस के नजरिए से देखा जाए तो? अगर आपके पास ज्यादा पैसे नहीं हैं लेकिन आप फिर भी बिजनेस करना चाहते हैं तो मेडिसिनल प्लांट की खेती आपके लिए काफी अच्छी साबित हो सकती है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको बहुत अधिक पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। और ना ही इसके लिए आपको लंबे-चौड़े फार्म की जरूरत है।  इसे आप कॉन्ट्रैक्ट पर भी ले सकते हैं। 

हो सकती है लाखों की कमाई


आजकल कई कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर औषधियों की खेती करा रही है। इनकी खेती शुरू करने के लिए आपको कुछ हजार रुपए ही खर्च करने की जरूरत है, लेकिन कमाई लाखों में होती है। अधिकतर हर्बल प्लांट्स ऐसे होतो हैं जो कि कम समय में ही तैयार हो जाते हैं जिनमें तुलसी, आर्टीमीसिया एन्नुआ, मुलैठी, एलोवेरा आदि शामिल हैं। वहीं कुछ पौधे ऐसे भी है जिन्हें गमलों में ही उगाया जा सकता है। इन पौधों की खेती करने के लिए आपको कुछ हजार रुपए की ही जरूरत होती है। लेकिन इससे लाखों में कमाई की जा सकती है।

आयुर्वेद दवाएं बनाने वाली कंपनियां कराती हैं तुलसी की कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग


इन सभी हर्बल पौधों में से यदि हम तुलसी की बाद करें तो इसकी खेती कर आप काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं। तुलसी के कई प्रकार होते हैं, जिनसे यूजीनोल और मिथाईल सिनामेट होता है। इनके इस्‍तेमाल से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं बनाई जाती हैं। 1 हेक्‍टेयर पर तुलसी उगाने में केवल 15 हजार रुपए खर्च होते हैं लेकिन, 3 महीने बाद ही यह फसल लगभग 3 लाख रुपए तक बिक जाती है। आपको बता दें  कि पतंजलि, डाबर, वैद्यनाथ आदि आयुर्वेद दवाएं बनाने वाली कंपनियां तुलसी की कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग कराती हैं। बता दें कि तुलसी के बीज और तेल का बड़ा बाजार है। हर दिन नए रेट पर तेल और तुलसी बीज बेचे जाते हैं।

Sunday 24 February 2019

Training Course : jobs in e commerce companies | 1 दिन के कोर्स से E-commerce कंपनियों में मिल सकती है जॉब, ऐसे करें अप्लाई

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ई-कॉमर्स क्षेत्र में 2023 तक आएंगी 10 लाख नौकरियां

 भारत समेत दुनियाभर में ऑटोमेशन, रोबोटिक्स और आर्टिफ़ीशियल इंटेलिजेंस जैसी तकनीक के विकास और इस्तेमाल से कई क्षेत्रों में रोज़गार खत्म हो रहे हैं। वहीं कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां जॉब्स की भरमार आने वाली है। इन्हीं क्षेत्रों में से एक क्षेत्र है ई-कॉमर्स का। ताज़ा अनुमान के मुताबिक भारत में ई-कॉमर्स के क्षेत्र में साल 2023 तक 10 लाख नौकरियां आएंगी। वहीं अगर कुल सेल्स की बात की जाए तो अनुमान कहता है कि साल 2020 तक भारत में सालाना ई-कॉमर्स बिज़नेस से होने वाली बिक्री 100 बिलियन डॉलर यानि करीब 7000 अरब रुपये तक पहुंच जाएगी। और अगर 2026 तक के वक्त की बात करें तो तस्वीर काफी अच्छी दिखती है। आकलन है कि 2026 तक भारत में ई-कॉमर्स बिज़नेस 200 बिलियन डॉलर यानि करीब 14000 अरब रुपये का हो जाएगा।
कब करें कोर्स 
ऐसे में इस क्षेत्र में अगर आप नौकरी पाना चाहते हैं या फिर नया बिज़नेस खोलना चाहते हैं तो सरकार आपकी मदद करेगी। भारत सरकार का ई-कॉमर्स बिज़नेस को बढ़ावा देने पर अब फ़ोकस है। एमएसएमई (MSME) यानि सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय का प्रोसेस एंड प्रोडक्ट्स डेवलपमेंट सेंटर (PPDC), आगरा, इसके लिए ट्रेनिंग का आयोजन करने जा रहा है। रविवार 10 फरवरी 2019 को पहली बार ट्रेनिंग सेक्टर-62, नोएडा में होगी।

क्या सीखेंगे आप 
पहला – नोएडा में होने वाली 1 दिन की ट्रेनिंग में आपको ई-कॉमर्स बिज़नेस कैसे शुरु करना है, ई-कॉमर्स बिज़नेस मॉडल, ई-कॉमर्स बिज़नेस शुरु करने कहां जाएं, क्या होता है बिज़नेस इंक्यूबेटर, एंजल फ़ंड, वेंचेर कैपिटल, प्राइवेट इक्विटी, और ऑनलाइन क्राउड फ़ंडिंग के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही फ़्लिकार्ट, अमेज़न और ओयो जैसी बड़ी कंपनियां कैसे काम करती हैं बताया जाएगा। 
दूसरा- इसी ट्रेनिंग में बताया जाएगा कि सोशल मीडिया और ऑनलाइन डिजिटल मार्केटिंग के ज़रिए कैसे आप बेहद कम खर्चें से अपने ई-कॉमर्स बिज़नेस को आगे बढ़ा सकते हैं। कैसे आप ऑनलाइन ग्राहक बनाते हैं। ये भी 10 फ़रवरी को नोएडा में होने वाली ट्रेनिंग में बताया जाएगा।
तीसरा- ट्रेनिंग का ये प्रैक्टिकल भाग सबसे अहम है। जब आप ई-कॉमर्स के क्षेत्र में बिज़नेस करने जाएंगे तो रोज़ाना की समस्यों पर आपको प्रैक्टिकल सपोर्ट मिलेगा। ये सपोर्ट आपको फ़ोन पर मिलेगा। आपको फ़ोन नंबर दिया जाएगा, जिसपर कॉल कर आप गाइडेंस ले सकते हैं।

और क्या मिलेगा ?
नोएडा में ट्रेनिंग के बाद एमएसएमई से ईडीपी ऑन ई-कॉमर्स का सर्टिफ़िकेट, सॉफ़्ट स्टडी मौटीरियल, 1 दिन की ट्रेनिंग के दौरान लंच, चाय और स्नैक्स भी दिए जाएंगे।

फ़ीस
ट्रेनिंग की कुल फ़ीस महज़ 3800 रुपये है। जिसमें 6 महीने का फ़ोन पर दिया जाने वाला प्रैक्टिकल सपोर्ट भी शामिल है।

कैसे कर सकते हैं अप्लाई 
ट्रेनिंग से जुड़ी जानकारी और रेजिस्ट्रेशन के लिए एमएसएमई (MSME), प्रोसेस एंड प्रोडक्ट्स डेवलपमेंट सेंटर (PPDC) आगरा की वेबसाइट के इस लिंक पर क्लिक करें।

GST Council Meeting gst rate cut on real state sector | मकान/फ्लैट खरीदना हुआ सस्ता, जीएसटी काउंसिल ने टैक्स दरें कम करने पर लगाई मुहर

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वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की बैठक में आज घर खरीदारों को बड़ी राहत दी गई। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया कि जीएसटी काउंसिल ने रियल एस्टेट पर लगने वाली जीएसटी दरों में कटौती पर अपनी मुहर लगा दी है। इसके तहत अब 45 लाख तक के अफोर्डेबल मकान पर 1 फीसदी लगाने का लगेगा, जबकि अंडर कंस्ट्रक्शन मकान और फ्लैट पर 5 फीसदी की जीएसटी दर लगाई जाएगी।

1 अप्रैल से लागू नई दरें

सीएनबीसी आवाज के मुताबिक RBI के प्रियॉरिटी सेक्टर लेंडिंग नियमों के हिसाब से 45 लाख रुपये तक के घर अफोर्डेबल माने जाएंगे। जीएस की नई दरें 1 अप्रैल से लागू होंगी। GST काउंसिल ने रियल एस्टेट पर GST की दरें घटाने का फैसला किया | जीएसटी की घटी हुई दरें पुराने मकानों की बची हुई किश्तों पर भी लागू होगी ।

इन मकानों को माना जाएगा अफोर्डेबल 

जेटली ने कहा कि हमने अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए दो परिभाषा तय की हैं। इसमें से एक कारपेट एरिया के हिसाब से होगी, जबकि दूसरी कीमत के आधार पर तय की जाएगी। मेट्रो शहर में 60 स्क्वॉयर मीटर और 45 लाख रुपए कीमत वाले मकानों को अफोर्डेबल मकान माना जाएगा। वही नॉन मेट्रो शहर में 90 स्क्वॉयर मीटर कारपेट एरिया और 45 लाख रुपए कीमत वाले मकानों को अफोर्डेबल मकान माना जाएगा।  
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