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अब योग्य स्टार्टअप्स को मिलने वाली शेयर प्रीमियम पर इनकम टैक्स में छूट मिलेगी।
सरकार ने स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम के तहत नए कारोबारियों को मिलने वाली फंडिंग को आसान बनाने के लिए इंसेटिव नियमों में बदलाव किए हैं। अब योग्य स्टार्टअप्स को मिलने वाली शेयर प्रीमियम पर इनकम टैक्स में छूट मिलेगी। यह छूट सेक्टर 56 एक्ट के तहत दी जाएगी। इसके अलावा, सात में से तीन साल के लिए स्टार्टअप्स को इनकम से होने वाले प्रॉफिट पर एक्ट के 80 IAC के तहत 100 फीसदी छूट मिलेगी। इसके अलावा, स्टार्टअप्स शेयर कैपिटल को जारी कर किसी भी व्यक्ति से इन्वेस्टमेंट ले सकते हैं। नए नियम का फायदा साल 2016 से पहले 10cr तक एंजल इन्वेस्टर से फंड लेने वाले स्टार्टअप को भी मिलेगा।
स्टार्टअप के सर्टिफिकेशन होंगे ऑनलाइन
डिपार्टमेंट ऑफ इंडस्ट्रीयल पॉलिसी एंड प्रमोशन (डीआईपीपी) ने जारी नोटिफिकेशन में सेक्शन 56 और सेक्शन 80 IAC के तहत स्टार्टअप्स के सर्टिफिकेशन के लिए आवेदनों को डीआईपीपी के पोर्टल पर ऑनलाइन जमा किया जा सकता है। इन आवेदनों पर इंटर मिनिस्ट्रियल बोर्ड (IMB) विचार करेगा।
स्टार्टअप किसी से भी ले सकता है फंड
एक्ट के सेक्शन 56 का मकसद है कि किसी भी तरह के इन्वेस्टर्स से फंडिंग मिल सकती है। इन्वेस्टर्स के क्लास पर कोई रोक नहीं है। स्टार्टअप्स शेयर कैपिटल को जारी कर किसी भी व्यक्ति से इन्वेस्टमेंट ले सकता है। देश में स्टार्टअप ईको-सिस्टम को बढ़ाने के लिए डीआईपीपी की ओर से रेग्युलर स्टेकहोल्डर्स जैसे सरकारी मंत्रालयों, डिपार्टमेंट्स, रेग्युलेटर्स, एंजल इन्वेस्टर्स और स्टार्टअप्स से विचार-विमर्श करता है।
नोटिफिकेशन का मकसद
नोटिफिकेशन के जरिए किए गए संशोधन का मकसद स्टार्टअप्स को इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत छूट देना है। इसकी डिमांड स्टार्टअप्स की ओर से की जा रही थी। इस संशोधन से स्टार्टअप्स को फंडिंग जुटाने में आसान होगी, जिससे नए बिजनेस को शुरू करना भी सरल हो जाएगा। इसके अलावा, स्टार्टअप ईकोसिस्टम प्रमोट होने के साथ-साथ एंत्रप्रेन्योर्स को प्रोत्साहन मिलेगा।
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