कई बार अच्छी सैलरी पर भी इंप्लॉइज का कंपनी में मन नहीं लगता तो कई बार कम सैलरी पर भी लोग एक ही कंपनी में बने रहते हैं
हर इंप्लॉयर यही चाहता है कि उसके इंप्लॉइज कंपनी को अपना 100 परसेंट दें और अपने अच्छे काम से कंपनी को नई बुलंदियों पर पहुंचाएं। इसके लिए कई इंप्लॉयर, इंप्लॉइज को अच्छी सैलरी देने में किसी तरह की कंजूसी नहीं करते, क्योंकि उनका मानना होता है कि अच्छी सैलरी, अच्छी परफॉर्मेंस के लिए प्रेरित करती है। लेकिन कई बार देखा गया है कि टैलेंटेड और मेहनती होने व अच्छी सैलरी के बावजूद इंप्लॉइज का कंपनी में मन नहीं लगता, यहां तक कि वह नौकरी बदलने के बारे में सोचने लगता है। वहीं कई बार कम सैलरी पर भी लोग लंबे समय तक एक ही कंपनी में रहते हैं। इसकी वजह यह है कि सैलरी के अलावा भी इंप्लॉइज के लिए कुछ चीजें मायने रखती हैं। इंक डॉट कॉम की एक रिपोर्ट में ऐसी ही 5 चीजों का जिक्र किया है, जो पैसों के अलावा इंप्लॉइज को खुश रखने और उनके अच्छा परफॉर्म करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। आइए आपको बताते हैं क्या हैं वे 5 चीजें-
साथी इम्प्लॉइज के साथ वक्त बिताने का मौका
चुनौतीपूर्ण मौके
काम करना लोगों के लिए नए स्किल्स सीखने और नए आइडियाज डेवलप करने का एक प्लेटफॉर्म भी है। अपने काम से ही इन्सान अपनी क्षमता आंकता है और उसे बेहतर बनाने की कोशिश करता है। इन्सान कुछ नया तभी सीखता है, जब उसे कुछ नया, कुछ चैलेंजिंग करने को मिलता है। अगर हमेशा एक जैसा ही काम करने को मिले तो इन्सान को कुछ नया करने का मौका मिल ही नहीं पाता। इसलिए जरूरी है कि इम्प्लॉइज को कुछ नए, कुछ चैलेंजिंग मौके दिए जाएं ताकि वह अपने आप का आकलन कर सकें, साथ ही उनके अंदर एक उत्साह बना रहे। हर वक्त एक ही काम इम्प्लॉइज के अंदर के उत्साह को धीरे-धीरे खत्म कर देता है।
फैसला लेने की आजादी
इंप्लॉयर होने के नाते आखिरी फैसला इंप्लॉयर का ही होना चाहिए, जो कि सही भी है लेकिन कुछ मामलों में इंप्लॉइज को विचार रखने और फैसला लेने की आजादी दी जानी चाहिए। इससे इंप्लॉइज का खुद पर भरोसा बढ़ता है। साथ ही इंप्लॉयर्स को भी कुछ नए आइडियाज, कुछ अलग देखने का मौका भी मिलता है और हो सकता है कि यह कंपनी के लिए अच्छा हो। इसलिए इंप्लॉयर्स को चाहिए कि वे वर्कप्लेस पर ऐसा वातावरण बनाएं, जहां इंप्लॉइज को कुछ मामलों में फैसले लेने का हक हो।
मिले क्रेडिट
अगर कोई इन्सान किसी काम में अपना वक्त और मेहनत दे रहा है तो यह भी जरूरी है कि उसके काम का क्रेडिट भी उसी को मिले। अगर उसके काम का क्रेडिट उसके बजाय किसी और को दिया जाए तो यह इंप्लॉई का उत्साह काम कर देता है। साथ ही इंप्लॉई अगली बार बेमन से काम करता है। क्योंकि उसके अंदर यह भावना आ जाती है कि जब क्रेडिट किसी और को ही मिलना है तो वह क्यों मेहनत करे। वहीं अगर उसे उसे क्रेडिट मिलता है, वह शाबाशी मिलती है जिसका वह हकदार है तो वह और ज्यादा उत्साह, एनर्जी और डबल मेहनत से काम करता है। इसलिए इंप्लॉयर को चाहिए कि वह अपने इंप्लॉइज के अच्छे काम की तारीफ करे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करे। इंप्लॉइज के काम से खुश हैं, यह दर्शाने का सबसे अच्छा तरीका है उनकी सैलरी बढ़ा दी जाए या फिर उन्हें बोनस या कोई गिफ्ट दिया जाए।
समानता
इंप्लॉयर को अपने हर इंप्लॉई के साथ एक सा होना चाहिए। उनमें कोई भेदभाव नहीं करना चाहिए। उदाहरण के लिए ऐसा नहीं होना चाहिए कि एक जैसे स्किल्स, क्वालिफिकेशन और बराबरी का काम करने वाले इम्प्लॉइज में से एक के साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया जाए या फिर उसे ज्यादा सैलरी दी जाए और बाकियों को उससे कम। या फिर इम्प्लॉयर किसी एक पर आंख बंद कर भरोसा करे और उसकी कही हर बात को ही सच माने। ऐसा होने पर इम्प्लॉई का उस कंपनी से लगाव खत्म हो जाता है और वह किसी अन्य जगह जाने की तैयारी करने लगता है।
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