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स्टार्टअप को फ्री में मिल रहा ऑफिस, पैसा, गाइडेंस और सपोर्ट, आइडिया में है दम तो खड़ा करें अपना बिजनेस..
राजस्थान सरकार स्टार्टअप को प्रमोट करने के लिए istart प्रोग्राम चला रही है, जहां स्टार्टअप्स को बहुत सी सहूलियत फ्री में दी जाती है।
अगर आपके पास इनोवेटिव आइडिया है, लेकिन ऑफिस, पैसा और गाइडेंस जैसे बाकी संसाधन नहीं है तो, राजस्थान सरकार आपके आइिडया को स्टार्टअप में बदलने में आपकी मदद करेगी। राजस्थान सरकार ने अपने istart प्रोग्राम के तहत राजधानी जयपुर में हाल में भामाशाह इन्क्यूबेशन सेंटर खोला है। प्रोजेक्ट से जुड़े राजस्थान सरकार के अधिकारियों का दावा है कि स्टार्टअप्स के लिए उनकी सरकार की ओर से शुरू किया गया istart प्रोग्राम देश के किसी भी राज्य में शुरु किए प्रोग्राम से बेहद खास है।
एक ही छत के नीचे सारे सॉल्यूशन
इस प्रोग्राम के तहत जो भी इन्क्यूबेशन सेंटर खोले गए हैं, वहां एक ही छत के नीचे स्टार्टअप्स को सारे सॉल्यूशन दिए जाते हैं। मौजूदा समय में राजस्थान सरकार जोधपुर, उदयपुर कोटा और जयपुर में इस तरह के इन्क्यूबेशन सेंटर चला रही है। सरकार की ओर से जयपुर में हाल में शुरू किए गए इन्क्यूबेशन सेंटर में मनीभास्कर की टीम ने भी विजिट किया। इस दौरान हमसे बातचीत में राजस्थान सरकार में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी निखिल अरोड़ा ने बताया कि हमारा मकसद स्टार्टअप्स को जीरो से शुरूआत करने में मदद करना है।
इस प्रोग्राम के तहत जो भी इन्क्यूबेशन सेंटर खोले गए हैं, वहां एक ही छत के नीचे स्टार्टअप्स को सारे सॉल्यूशन दिए जाते हैं। मौजूदा समय में राजस्थान सरकार जोधपुर, उदयपुर कोटा और जयपुर में इस तरह के इन्क्यूबेशन सेंटर चला रही है। सरकार की ओर से जयपुर में हाल में शुरू किए गए इन्क्यूबेशन सेंटर में मनीभास्कर की टीम ने भी विजिट किया। इस दौरान हमसे बातचीत में राजस्थान सरकार में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एंड कम्युनिकेशन डिपार्टमेंट के प्रिंसिपल सेक्रेटरी निखिल अरोड़ा ने बताया कि हमारा मकसद स्टार्टअप्स को जीरो से शुरूआत करने में मदद करना है।
ताकि कोई आइडिया दम ना तोड़े...
अरोड़ा के मुताबिक, आम तौर पर जब तक कोई स्टार्टअप लोगों की नजर में आता है तब तक वह अपनी 40 फीसदी जिंदगी जी चुका होता है। हालांकि इससे पहले उसे जो संघर्ष करना पड़ता है, उसे बेहद कम लोग ही जानते हैं। बहुत से स्टार्टअप्स ऐसे होते हैं, जिनके आइडिया सोसायटी और लोगों के लाइफ बदलने की पूरी क्षमता भी होती है, लेकिन उन्हें शुरुआत में किसी तरह का सपोर्ट नहीं मिलने के चलते ऐसे स्टार्टअप्स पैदा होने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। इसी को देखते हुए हम पहले स्टेप से मदद करते हैं। ताकि कोई आइडिया पैदा होने से पहले ही दम ना तोड़ दे।
अरोड़ा के मुताबिक, आम तौर पर जब तक कोई स्टार्टअप लोगों की नजर में आता है तब तक वह अपनी 40 फीसदी जिंदगी जी चुका होता है। हालांकि इससे पहले उसे जो संघर्ष करना पड़ता है, उसे बेहद कम लोग ही जानते हैं। बहुत से स्टार्टअप्स ऐसे होते हैं, जिनके आइडिया सोसायटी और लोगों के लाइफ बदलने की पूरी क्षमता भी होती है, लेकिन उन्हें शुरुआत में किसी तरह का सपोर्ट नहीं मिलने के चलते ऐसे स्टार्टअप्स पैदा होने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। इसी को देखते हुए हम पहले स्टेप से मदद करते हैं। ताकि कोई आइडिया पैदा होने से पहले ही दम ना तोड़ दे।
आपके पास आइडिया है तो राजस्थान आइए
अरोड़ा के मुताबिक, अगर किसी के भी पास आइडिया है तो वह हमारे इस प्रोग्राम से जुड़ सकता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस स्टेट या शहर में रहते हैं। अगर आपके पास आइडिया है तो राजस्थान आइए, हमसे जुड़िए और ऑफिस से लेकर गाइडेंस तक की सारी सुविधा मुफ्त मुहैया कराएंगे। आइए जानते हैं इन्हीं सुविधाओं के बारे में और अगर आपके पास आइडिया है तो कैसे इस प्रोग्राम के जरिए आप जुड़ सकते हैं....
अरोड़ा के मुताबिक, अगर किसी के भी पास आइडिया है तो वह हमारे इस प्रोग्राम से जुड़ सकता है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस स्टेट या शहर में रहते हैं। अगर आपके पास आइडिया है तो राजस्थान आइए, हमसे जुड़िए और ऑफिस से लेकर गाइडेंस तक की सारी सुविधा मुफ्त मुहैया कराएंगे। आइए जानते हैं इन्हीं सुविधाओं के बारे में और अगर आपके पास आइडिया है तो कैसे इस प्रोग्राम के जरिए आप जुड़ सकते हैं....
रजिस्ट्रेशन और शुरुआती फंडिंग के साथ 2 साल मिलेगा फ्री ऑफिस स्पेस
रजिस्ट्रेशन और शुरुआती फंडिंग
istart प्रोग्राम के तहत स्टार्टअप्स को रिजस्ट्रेशन और शुरुआती फंडिंग की भी व्यवस्था दी जाती है। आइडिया के आधार पर आप अधिकारियों से संपर्क कर शुरुआती 2 लाख रुपए की सीड फंडिंग के साथ फ्री में कंपनी का रिजस्ट्रेशन करा सकते हैं। मतलब आप सिर्फ आइडिया लेकर आइए और पसंद आया तो आपका स्टार्टअप शुरू।
istart प्रोग्राम के तहत स्टार्टअप्स को रिजस्ट्रेशन और शुरुआती फंडिंग की भी व्यवस्था दी जाती है। आइडिया के आधार पर आप अधिकारियों से संपर्क कर शुरुआती 2 लाख रुपए की सीड फंडिंग के साथ फ्री में कंपनी का रिजस्ट्रेशन करा सकते हैं। मतलब आप सिर्फ आइडिया लेकर आइए और पसंद आया तो आपका स्टार्टअप शुरू।
2 साल तक फ्री ऑफिस स्पेस
किसी भी स्टार्टअप के लिए दूसरी बड़ी चिंता ऑफिस की होती है। अरोड़ा के मुताबिक, राजस्थान सरकार 2 साल तक अपने इन्क्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप्स को फ्री में को-वर्किंग स्पेस मुहैया कराती है। ये को-वर्किंग स्पेस कंप्यूटर, इंटरनेट जैसी बुनियादी सुविधाओं से लैस हैं। मतलब आप यहां आइए और काम करिए।
किसी भी स्टार्टअप के लिए दूसरी बड़ी चिंता ऑफिस की होती है। अरोड़ा के मुताबिक, राजस्थान सरकार 2 साल तक अपने इन्क्यूबेशन सेंटर में स्टार्टअप्स को फ्री में को-वर्किंग स्पेस मुहैया कराती है। ये को-वर्किंग स्पेस कंप्यूटर, इंटरनेट जैसी बुनियादी सुविधाओं से लैस हैं। मतलब आप यहां आइए और काम करिए।
एक स्टार्टअप को 25 लाख रुपए तक की फंडिंग
25 लाख तक का वेंचर कैपिटल
स्टार्टअप शुरू होने और ऑफिस खुलने के बाद अब स्टार्टअप के सामने तीसरी बड़ी समस्या फंडिंग की होती है। प्रोग्राम के तहत स्टार्टअप को 25 लाख तक की फंडिंग की जाती है। आम तौर पर यह राशि मार्केट में वेंचर कैपिटल फंड कंपनियों की ओर से जुटाई गई रकम का 25 फीसदी होती है। पर अधिकतम रकम 25 लाख है। राज्य सरकार के फंडिंग के लिए 500 करोड़ रुपए का फंड बनाया है।
स्टार्टअप शुरू होने और ऑफिस खुलने के बाद अब स्टार्टअप के सामने तीसरी बड़ी समस्या फंडिंग की होती है। प्रोग्राम के तहत स्टार्टअप को 25 लाख तक की फंडिंग की जाती है। आम तौर पर यह राशि मार्केट में वेंचर कैपिटल फंड कंपनियों की ओर से जुटाई गई रकम का 25 फीसदी होती है। पर अधिकतम रकम 25 लाख है। राज्य सरकार के फंडिंग के लिए 500 करोड़ रुपए का फंड बनाया है।
गाइडेंस के लिए मेंटरशिप प्रोग्राम
इसके अलावा गाइडेंस के लिए अलग से मेंटरशिप प्रोग्राम चलाया जाता है। जहां देश और दुनिया के बेहद सफल सटार्टअप्स से जुड़े लोग आपकी मदद करते हैं। यहां फंड जुटाने से लेकर ब्रांडिंग और प्रोडक्ट चलाने जैसी बुनियादी चीजें सिखाई जाती हैं। स्टार्टआप का हर तीन महीने बाद रीव्यू भी किया जाता है, ताकि यह पता चल सके कि स्टार्टअप सही दिशा में काम कर रहा है कि नहीं। अरोड़ा के मुताबिक, इन सब कामों में सरकार या सरकारी अधिकारियों का कोई दखल नहीं है। इसके लिए इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का पैनल इसकी निगरानी करता है।
इसके अलावा गाइडेंस के लिए अलग से मेंटरशिप प्रोग्राम चलाया जाता है। जहां देश और दुनिया के बेहद सफल सटार्टअप्स से जुड़े लोग आपकी मदद करते हैं। यहां फंड जुटाने से लेकर ब्रांडिंग और प्रोडक्ट चलाने जैसी बुनियादी चीजें सिखाई जाती हैं। स्टार्टआप का हर तीन महीने बाद रीव्यू भी किया जाता है, ताकि यह पता चल सके कि स्टार्टअप सही दिशा में काम कर रहा है कि नहीं। अरोड़ा के मुताबिक, इन सब कामों में सरकार या सरकारी अधिकारियों का कोई दखल नहीं है। इसके लिए इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का पैनल इसकी निगरानी करता है।
अगर अपना स्टार्टअप खोलना चाहते हैं तो कैसे करें अप्लाई
कैसे करें अप्लाई
अगर आपके पास आइडिया है और आप istart प्रोग्राम के तहत खुद को रजिस्टर कराके स्टार्टअप खोलना चाहते हैं तो सबसे पहले आपको istart.rajasthan.gov.in पर जाना होगा। यहां आप ऊपर बने स्टार्टअप के कॉलम पर जाएं। यहां आपको स्टार्टअप रिजस्ट्रेशन यूजर्स मैन्यूअल का ऑप्शन मिलेगा। क्लिक करने पर आपको बाकी की जानकारी मिल जाएगा। अगर आप खुद को सीधा रजिस्टर करना चाहते हैं तो sso.rajsthan.gov.in/register पर साइनअप कर सकते हैं। आप राजस्थान के जयपुर, उदयपुर, कोटा और जोधपुर शहरों में बनें इन्क्यूबेशन सेंटर्स पर सीधा संपर्क कर सकत हैं। इसका पता आपको istart.rajasthan.gov.in पर मिल सकता है।
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