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साल 2018 में अगर आप अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो ऐसे कुछ सेक्टर्स हैं जिसमें इन्वेस्टर्स का फोकस ज्यादा र
साल 2018 में अगर आप अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो ऐसे कुछ सेक्टर्स हैं जिसमें इन्वेस्टर्स का फोकस ज्यादा रहेगा। खासतौर से हेल्थकेयर, एजुकेशन, फाइनेंशियल सर्विसेज, ट्रैवल और लॉजिस्टिक्स जैसे विभिन्न सेक्टर्स में काफी काम किया गया। यही वजह है कि साल 2017 में इन सेक्टर्स में शामिल स्टार्टअप्स का ग्लोबल और डोमेस्टिव इन्वेस्टर्स का सपार्ट मिला। एक्सपर्ट्स और अलग-अलग रिपोर्ट्स जैसे इंक42 और IBEF के मुताबिक, साल 2018 में इन सेक्टर्स में काफी संभावनाएं हैं जहां स्टार्टअप्स शुरू करने वालों को फायदा मिल सकता है।
हेल्थटेक सेक्टर को मिला 216 करोड़ का फंड
ब्रांड गुरू हरीश बिजूर ने moneybhaskar को बताया कि बीते कुछ साल के दौरान भारत में हेल्थकेयर सेक्टर में कई सक्सेसफुल स्टार्टअप बने हैं। भारत के टियर 1 और टियर 2 शहरों में क्वालिटी हेल्थ
केयर उपलब्ध है। ऐसे में नई टेक्नोलॉजी और सॉल्यूशन का फायदा देने वाले स्टार्टअप्स को इन्वेस्टर्स का भी सपोर्ट मिला है। इंडियन हेल्थकेयर सेक्टर में प्रैक्टो, हेल्थकार्ट, ट्रिकोग, केयर24, 1एमजी, जस्टडॉक, डॉक्टरइंस्टा आदि स्टार्टअप को 2017 के दौरान करीब 216 करोड़ रुपए का फंड मिला है। हेल्थकेयर सेक्टर में टोटल 107 डील्स हुईं।
केयर उपलब्ध है। ऐसे में नई टेक्नोलॉजी और सॉल्यूशन का फायदा देने वाले स्टार्टअप्स को इन्वेस्टर्स का भी सपोर्ट मिला है। इंडियन हेल्थकेयर सेक्टर में प्रैक्टो, हेल्थकार्ट, ट्रिकोग, केयर24, 1एमजी, जस्टडॉक, डॉक्टरइंस्टा आदि स्टार्टअप को 2017 के दौरान करीब 216 करोड़ रुपए का फंड मिला है। हेल्थकेयर सेक्टर में टोटल 107 डील्स हुईं।
2018 में कैसा रहेगा हेल्थकेयर सेक्टर
हरीश बिजूर ने बताया कि टेलिमेडिसिन, डॉक्टर अप्वाइंटमेंट और हेल्थ ऐप में काफी काम हो चुका है। लेकिन इस सेक्टर में कब भी काफी संभावनाएं मौजूद हैं क्योंकि लोग पहले के मुकाबले अब अपनी सेहत को लेकर ज्यादा जागरूक हो गए हैं। इस साल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का यूज ज्यादा किया जा सकता है।
लॉजिस्टिक्स सेक्टर का इन्वेस्टमेंट 205 फीसदी बढ़ा
लॉजिस्टिक्स सेक्टर में साल 2016 के मुकाबले 2017 में कम डील्स की गई हैं लेकिन इन्वेस्टमेंट का अमाउंट 205 फीसदी तक बढ़ा है। इसमें भी 22 फीसदी डील्स में करीब 85 फीसदी फंड जुटाया गया है। वहीं, फ्लिपकार्ट, स्नैपडील और अमेजन जैसे कंपनियों की ओर से इन हाउस लॉजिस्टिक सर्विस शुरू की गई हैं। ऐसे में स्टार्टअप सप्लाई चेन और उससे जुड़ी दूसरी सर्विस में संभावनाएं ढूंढ रहे हैं।
2018 में कैसा रहेगा लॉजिस्टिक सेक्टर
स्टार्टअप एक्सपर्ट संचित गोगिया ने बताया कि साल 2018 में विदेशी इन्वेस्टर्स और फंड्स हाउस का स्पेशल फोकस लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप्स पर रह सकता है। लॉजिस्टिक्स स्टार्टअप्स नई और एडवांस टेक्नोलॉजी को डेवलप कर टियर 2 और टियर 3 में मौजूदा सप्लाई चेन के अंतर को कम करने का काम करेंगे। स्टार्टअप्स की ओर से इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर काम किया जाएगा।
फिनटेक पर फोकस
संचित ने बताया कि भारत में वेल्थ मैनेजमेंट और इंश्योरेंस टेक में काफी ग्रोथ की संभावनाएं हैं। वैसे भी नोटबंदी के बाद इस सेक्टर में काफी तेजी दर्ज की गई है। साथ ही सरकार का फोकस भी इस पर काफी ज्यादा है। इंक42 डाटालैब्स के मुताबिक, साल 2017 में फिनटेक सेक्टर में 2.59 अरब डॉलर के 102 फंडिंग डील्स हुए। मौजूदा डाटा के हिसाब से फिनटेक स्टार्टअप्स में सालाना आधार पर 31 फीसदी का इजाफा हुआ है।
ट्रैवलटेक में भी ग्रोथ
गूगल इंडिया और बीसीजी की रिपोर्ट के मुताबिक, अगले तीन साल के भीतर ट्रैवल मार्केट (ऑफलाइन और ऑनलाइन) 48 अरब डॉलर का हो सकता है। आईबीईएफ रिपोर्ट के मुतरबिक, 2020 तक टोटल ट्रांजैक्शन में ऑनलाइन ट्रैवल स्पेस का हिस्सा 40 फीसदी से 50 फीसदी हो सकता है। ऐसे में 2018 में भी इस सेक्टर में काफी संभावनाएं मौजूद हैं।
2018 में बढेगा एजुकेशन टेक
डाटा के मुताबिक, साल 2017 में नवंबर तक एजुकेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर में टोटल 48 डील्स के जरिए 1.65 करोड़ डॉलर का इन्वेस्टमेंट किया गया। गूगल और केपीएमजी की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में स्थानिय भाषा का ऑनलाइन यूजर सालाना आधार पर 18 फीसदी बढ़कर 5.36 करोड़ हो सकता है। ऐसे में अगर स्थानिय भाषाओं में स्टार्टअप्स को कोई शुरू करता है उसमें काफी संभावनाएं मौजूद हैं।
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