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Coir उद्यमी योजना के तहत सरकार देती है लोन व सब्सिडी
केंद्र सरकार देश में एंटरप्रेन्योरशिप बढ़ाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इसके तहत नया बिजनेस शुरू करने पर सरकार आसान शर्तों पर लोन के साथ-साथ सब्सिडी भी देती है। ऐसी योजनाओं के बारे में जानकारी न होने के कारण लोग इसका लाभ नहीं उठा पाते। ऐसी ही एक योजना के तहत सरकार 40 फीसदी तक सब्सिडी देती है और कम ब्याज दर पर 55 फीसदी तक लोन दिया जाता है। इस योजना का नाम है क्वॉयर उद्यमी योजना। इसके मुताबिक, क्वॉयर से जुड़े प्रोडक्ट्स बनाने पर सरकार आपको लोन, सब्सिडी के अलावा कई तरह की सुविधाएं देती है। आज हम आपको इस बिजनेस के बारे में विस्तार से बताएंगे, ताकि आप भी ये बिजनेस शुरू करने पर विचार कर सकें।
क्या है सरकार की योजना
क्वॉयर बोर्ड, मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) के अधीन काम करता है। बोर्ड नारियल जटा से बनने वाले प्रोडक्ट्स को प्रमोट करता है। बोर्ड द्वारा क्वॉयर उद्यमी योजना शुरू की गई है, जिसमें 10 लाख रुपए तक के प्रोजेक्ट्स को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जाती है। अगर आप भी बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो केवल 5 फीसदी पैसा होने के बाद आप इस स्कीम में अप्लाई कर सकते हैं। आपका प्रोजेक्ट अप्रूव होने पर आपको बैंक 55 फीसदी लोन सात साल के लिए देते हैं, जबकि क्वॉयर बोर्ड द्वारा 40 फीसदी सब्सिडी दी जाती है।
क्वॉयर बोर्ड, मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) के अधीन काम करता है। बोर्ड नारियल जटा से बनने वाले प्रोडक्ट्स को प्रमोट करता है। बोर्ड द्वारा क्वॉयर उद्यमी योजना शुरू की गई है, जिसमें 10 लाख रुपए तक के प्रोजेक्ट्स को क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी दी जाती है। अगर आप भी बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो केवल 5 फीसदी पैसा होने के बाद आप इस स्कीम में अप्लाई कर सकते हैं। आपका प्रोजेक्ट अप्रूव होने पर आपको बैंक 55 फीसदी लोन सात साल के लिए देते हैं, जबकि क्वॉयर बोर्ड द्वारा 40 फीसदी सब्सिडी दी जाती है।
यह सर्विसेज भी देती है सरकार
इस स्कीम के तहत सरकार लोन और सब्सिडी के साथ साथ और भी सर्विसेज देती है, जैसे कि बोर्ड मार्केटिंग सपोर्ट असिस्टेंस। यानी क्वॉयर बिजनेस करने वाले उद्यमियों को एक साथ जोड़ कर कलस्टर (कंसोटोरियम) बनाया जाता है और उन्हें मार्केटिंग सपोर्ट दिया जाता है। इतना ही नहीं, यदि आप अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए किसी एग्जीबिशन या फेयर में जाते हैं तो बोर्ड द्वारा खर्च वहन किया जाता है। प्रोडक्ट्स के लिए शोरूम हायर करने में भी बोर्ड सपोर्ट करता है। कंसोर्टियम में काम कर रहे कर्मचारियों की सैलरी बोर्ड देता है।
इस स्कीम के तहत सरकार लोन और सब्सिडी के साथ साथ और भी सर्विसेज देती है, जैसे कि बोर्ड मार्केटिंग सपोर्ट असिस्टेंस। यानी क्वॉयर बिजनेस करने वाले उद्यमियों को एक साथ जोड़ कर कलस्टर (कंसोटोरियम) बनाया जाता है और उन्हें मार्केटिंग सपोर्ट दिया जाता है। इतना ही नहीं, यदि आप अपने प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग के लिए किसी एग्जीबिशन या फेयर में जाते हैं तो बोर्ड द्वारा खर्च वहन किया जाता है। प्रोडक्ट्स के लिए शोरूम हायर करने में भी बोर्ड सपोर्ट करता है। कंसोर्टियम में काम कर रहे कर्मचारियों की सैलरी बोर्ड देता है।
ये प्रोडक्ट्स बना सकते हैं आप
क्वॉयर यानी नारियल जटा का इस्तेमाल फ्लोर मेट्स, डोर मेट्स, ब्रश, मैट्रेस (गद्दे), फ्लोर टाइल, फोम मैट्रेस। जैसा कि आप जानते हैं कि शहरी लाइफ स्टाइल में गद्दों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है, इसलिए इस बिजनेस का काफी स्कोप है। इतना ही नहीं, अब इसका इस्तेमाल टेक्सटाइल में भी किया जा रहा है। वहीं, क्वॉयर फाइबर (नारियल रेशे) से रस्सी, कूलर में इस्तेमाल होने वाली घास की भी डिमांड है। इसके साथ-साथ आजकल फैंसी और डिजाइन आइटम्स भी तैयार किए जा रहे हैं। क्वॉयर यार्न को लेकर भी कई एक्सपेरिमेंट्स हो रहे हैं।
क्वॉयर यानी नारियल जटा का इस्तेमाल फ्लोर मेट्स, डोर मेट्स, ब्रश, मैट्रेस (गद्दे), फ्लोर टाइल, फोम मैट्रेस। जैसा कि आप जानते हैं कि शहरी लाइफ स्टाइल में गद्दों का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है, इसलिए इस बिजनेस का काफी स्कोप है। इतना ही नहीं, अब इसका इस्तेमाल टेक्सटाइल में भी किया जा रहा है। वहीं, क्वॉयर फाइबर (नारियल रेशे) से रस्सी, कूलर में इस्तेमाल होने वाली घास की भी डिमांड है। इसके साथ-साथ आजकल फैंसी और डिजाइन आइटम्स भी तैयार किए जा रहे हैं। क्वॉयर यार्न को लेकर भी कई एक्सपेरिमेंट्स हो रहे हैं।
कहां करें अप्लाई
इस स्कीम के बारे में आप क्वॉयर बोर्ड ऑफिस, जिला उद्योग केंद्र, क्वॉयर प्रोजेक्ट ऑफिस, पंचायतों और बोर्ड द्वारा अप्रूव नोडल एजेंसी में अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन अप्लाई भी कर सकते हैं। इसके लिए आप http://http://coirservices.gov.in/frm_login.aspx पर लॉग इन कर सकते हैं। क्वॉयर यार्न को लेकर भी कई एक्सपेरिमेंट्स हो रहे हैं।
इस स्कीम के बारे में आप क्वॉयर बोर्ड ऑफिस, जिला उद्योग केंद्र, क्वॉयर प्रोजेक्ट ऑफिस, पंचायतों और बोर्ड द्वारा अप्रूव नोडल एजेंसी में अप्लाई कर सकते हैं। इसके लिए ऑनलाइन अप्लाई भी कर सकते हैं। इसके लिए आप http://http://coirservices.gov.in/frm_login.aspx पर लॉग इन कर सकते हैं। क्वॉयर यार्न को लेकर भी कई एक्सपेरिमेंट्स हो रहे हैं।
कौन कर सकता है अप्लाई
इस स्कीम के लिए कोई भी इंडिविजुअल, कंपनी, सेल्फ हेल्प ग्रुप, एनजीओ, सोसायटी, कॉ-ओपरेटिव सोसायटी, ज्वाइंट ग्रुप, चेरिटेबल ट्रस्ट अप्लाई कर सकते हैं।
इस स्कीम के लिए कोई भी इंडिविजुअल, कंपनी, सेल्फ हेल्प ग्रुप, एनजीओ, सोसायटी, कॉ-ओपरेटिव सोसायटी, ज्वाइंट ग्रुप, चेरिटेबल ट्रस्ट अप्लाई कर सकते हैं।
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