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स्टार्टअप की रैंकिंग के लिए केन्द्र सरकार तीन नए टूल्स उपलब्ध कराए हैं।
केंद्र सरकार ने स्टार्टअप की रैंकिंग के लिए तीन नए टूल्स उपलब्ध कराए हैं। इन टूल्स के माध्यम से राज्य सरकारें स्टार्टअप की आसानी से रैंकिंग कर सकेंगी। कामर्स मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने इन टूल्स की लॉन्चिंग के दौरान ये बातें कहीं। इस दौरान प्रभु ने कहा कि सरकार चाहती है कि देश के युवा एंटरप्रेन्योर्स के विचारों को साकार करने के लिए आसान माैके उपलब्ध कराए जाएं। सरकार आइडिया को बिजनेस में तब्दील करने में मदद देने का प्रयास कर रही है।
क्या हैं ये 3 टूल्स
सरकार ने इन टूल्स को जारी करते हुए उम्मीद जताई है कि देश के आर्थिक विकास में स्टार्टअप भूमिका निभाएंगे। ये टूल्स हैं -
-स्टेट एंड यूनियन टेरेटरी स्टार्टअप रैंकिंग फ्रेमवर्क
-दि कंपेडियम ऑफ गुड प्रेक्टिस फॉर प्रमोटिंग स्टार्टअप
-स्टार्टअप इंडिया किट
देश में हैं करीब 20 हजार स्टार्टअप
देश में इस वक्त करीब 20 हजार स्टार्टअप हैं। अनुमान है कि हर साल करीब 1400 स्टार्टअप नए शुरू होते हैं। इन स्टार्टअप के माध्यम से हर राज्य में तकनीक के क्षेत्र में प्रयोग हो रहा है, बल्कि रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं। इसके अलावा इन स्टार्टअप का देश की आर्थिक प्रगति में भी योगदान मिल रहा है।
8 राज्यों में स्टार्टअप के फेवर की पॉलिसी
देश के 8 राज्यों में इस वक्त स्टार्टअप के फेवर की नीतियां हैं। इन राज्यों में स्टार्टअप को काम करने का बेहतर माहौल मिल रहा है। स्टार्टअप रोज नए नए सॉल्यूशन खोजने में लगे हैं और वर्तमान माहौल को सुधारने में लगे हैं।
टूल्स जारी करने का उद्देश्य
सरकार ने बताया है कि इन टूल्स को जारी करने का उद्देश्य राज्यों के बीच स्टार्टअप का माहौल सुधारने की इच्छा है। इससे राज्य स्टार्टअप के लिए बेहतर इकोसिस्टम बनाने की कोशिश करेंगे। जैसे ही राज्य स्टार्टअप के लिए अच्छा माहौल तैयार करेंगे उनकी रैंकिंग अच्छी होती जाएगी।
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