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अगर आप बिजनेस करना चाहते हैं तो मोदी सरकार कुछ सेक्टर में जबरदस्त रियायत दे रही है...
अगर आप बिजनेस करना चाहते हैं तो मोदी सरकार कुछ सेक्टर में जबरदस्त रियायत दे रही है। आप सरकार के सपोर्ट की इस बिजनेस में कदम रख सकते हैं। आपको बता दें कि नए बिजनेसमैन को सपोर्ट के लिए मोदी सरकार ने स्टैंडअप इंडिया और स्टार्टअप इंडिया प्रोग्राम की भी घोषणा की थी। हालांकि यहां हम आपको जिन बिजनेस के बारे में बताने जा रहे हैं, वो बिजनेस इन दोनों स्कीम से अलग हैं। ये ऐसे बिजनेस हैं, जहां सरकार की ओर से पूरे सेक्टर को मदद दी जा रही है। इसमें टैक्सटाइल के अलावा सोलर और कोल्ड स्टोर बिजनेस भी शामिल हैं। आइए जानते हैं, इन्हीं तीनों बिजनेस के बारे में, जहां अगर आप दांव लगाते हैं तो सरकार आपकी मदद करती है। इस मदद के तहत ये मदद लोन मुहैया कराने से लेकर बैंक ब्याज में छूट जैसी चीजों के जरिए दी जाती है।
नंबर-1
स्कीम का नाम: टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड स्कीम (TUFS)
किस बिजनेस के लिए मिलेगी: टेक्सटाइल
क्या है मदद: मोदी सरकार ने जनवरी 2018 में कपड़े से जुड़े टेक्सटाइल सेक्टर में हाई टेकनीक डेवलप करने पर फंड की सीमा 30 करोड़ से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपए कर दी है। आप टेक्सटाइल सेक्टर के बिजनेस में हैं। नई और सस्ती तकनीक से प्रोडक्शन कर रहे हैं, तो सरकार यह फंड देगी। इस स्कीम में 10 फीसदी की अतिरिक्त सब्सिडी का भी प्रावधान है। हालांकि आपको सरकार की कुछ शर्तों का जरूर पालन करना होगा। मूल स्कीम जनवरी 2016 में लागू की गई थी
यहां करें विजिट: http://texmin.nic.in/schemes/technlogy-upgradation-fund-scheme
स्कीम का नाम: टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन फंड स्कीम (TUFS)
किस बिजनेस के लिए मिलेगी: टेक्सटाइल
क्या है मदद: मोदी सरकार ने जनवरी 2018 में कपड़े से जुड़े टेक्सटाइल सेक्टर में हाई टेकनीक डेवलप करने पर फंड की सीमा 30 करोड़ से बढ़ाकर 50 करोड़ रुपए कर दी है। आप टेक्सटाइल सेक्टर के बिजनेस में हैं। नई और सस्ती तकनीक से प्रोडक्शन कर रहे हैं, तो सरकार यह फंड देगी। इस स्कीम में 10 फीसदी की अतिरिक्त सब्सिडी का भी प्रावधान है। हालांकि आपको सरकार की कुछ शर्तों का जरूर पालन करना होगा। मूल स्कीम जनवरी 2016 में लागू की गई थी
यहां करें विजिट: http://texmin.nic.in/schemes/technlogy-upgradation-fund-scheme
नंबर-2
स्कीम का नाम: सोलर लाइट सिस्टम इंस्टाल स्कीम
किस बिजनेस के लिए मिलेगी मदद: सोलर एनर्जी
क्या है मदद: देश को सोलर पॉवर बनाने के लिए 2010 में जवाहर लाल नेहरू सोलर मिशन बनाया गया था। इस योजना में सरकार लोन के साथ-साथ सब्सिडी भी मुहैया कराती है। सोलर लाइट सिस्टम इंस्टाल करने और छोटे कैपेसिटी के पीवी सिस्टम के लिए सरकार अप्रूव्ड यूनिट कास्ट का 40 फीसदी तक फंड देती है। इसके लिए सरकार 90 फीसदी तक कैपिटल सब्सिडी देती है। इसके लिए आपकी यूनिट अंडमान निकोबार या नॉर्थ ईस्ट बॉर्डर एरिया के पास होनी चाहिए।
यहां करें विजिट: https://mnre.gov.in/scheme-documents
स्कीम का नाम: सोलर लाइट सिस्टम इंस्टाल स्कीम
किस बिजनेस के लिए मिलेगी मदद: सोलर एनर्जी
क्या है मदद: देश को सोलर पॉवर बनाने के लिए 2010 में जवाहर लाल नेहरू सोलर मिशन बनाया गया था। इस योजना में सरकार लोन के साथ-साथ सब्सिडी भी मुहैया कराती है। सोलर लाइट सिस्टम इंस्टाल करने और छोटे कैपेसिटी के पीवी सिस्टम के लिए सरकार अप्रूव्ड यूनिट कास्ट का 40 फीसदी तक फंड देती है। इसके लिए सरकार 90 फीसदी तक कैपिटल सब्सिडी देती है। इसके लिए आपकी यूनिट अंडमान निकोबार या नॉर्थ ईस्ट बॉर्डर एरिया के पास होनी चाहिए।
यहां करें विजिट: https://mnre.gov.in/scheme-documents
नंबर-3
स्कीम का नाम: कोल्ड स्टोरेज स्कीम
किस बिजनेस के लिए मिलेगी मदद: कोल्ड स्टोर चेन खोलने पर
क्या है मदद: देश में हर साल 40 फीसदी अनाज इस लिए खराब हो जाता है, क्योंकि उन्हें रखने के लिए पर्याप्त कोल्ड स्टोर का अभाव है। अब सरकार कोल्डस्टोरेज चेन को बढ़ावा दे रही है। सरकार कोल्ड स्टोरेज का बिजनेस शुरु करने वाले लोगों को 55 फीसदी तक की सब्सिडी देती है। मैदानी इलाकों में ये सब्सिडी 40 फीसदी और पहड़ी इलाकों में ये सब्सिडी 55 फीसदी तक है। इस योजना में सरकार 32 हजार प्रति टन के हिसाब से ऋण प्रदान करती है।
कहां करें विजिट: http://mofpi.nic.in/Schemes/related-schemes-other-agencies
स्कीम का नाम: कोल्ड स्टोरेज स्कीम
किस बिजनेस के लिए मिलेगी मदद: कोल्ड स्टोर चेन खोलने पर
क्या है मदद: देश में हर साल 40 फीसदी अनाज इस लिए खराब हो जाता है, क्योंकि उन्हें रखने के लिए पर्याप्त कोल्ड स्टोर का अभाव है। अब सरकार कोल्डस्टोरेज चेन को बढ़ावा दे रही है। सरकार कोल्ड स्टोरेज का बिजनेस शुरु करने वाले लोगों को 55 फीसदी तक की सब्सिडी देती है। मैदानी इलाकों में ये सब्सिडी 40 फीसदी और पहड़ी इलाकों में ये सब्सिडी 55 फीसदी तक है। इस योजना में सरकार 32 हजार प्रति टन के हिसाब से ऋण प्रदान करती है।
कहां करें विजिट: http://mofpi.nic.in/Schemes/related-schemes-other-agencies
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