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Tuesday 31 July 2018

investment plan of early retirement, 1 crore fund in 10 years | प्राइवेट नौकरी छोड़ शुरु करना चाहते हैं अपना बिजनेस, तो फॉलो करें 10 साल का प्‍लॉन

investment plan of early retirement, 1 crore fund in 10 years | प्राइवेट नौकरी छोड़ शुरु करना चाहते हैं अपना बिजनेस, तो फॉलो करें 10 साल का प्‍लॉन



मंथली 20 हजार रुपए की SIP के साथ फिक्सड डिपॉजिट का ऑप्शन एक करोड़ का फंड बनाने में मदद करेगा।


अगर आप प्राइवेट सेक्‍टर की नौकरी से छुटकारा पाना चाहते और अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं या जल्‍द रिटायर होना चाहते हैं तो ऐसा करना संभव है। आप अगर अभी से इसके लिए प्‍लान करें तो खुद को वित्‍तीय तौर पर इतना मजबूत बना सकते हैं जिससे भविष्‍य में आप प्राइवेट सेक्‍टर की नौकरी छोड़ कर अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं या जल्‍द रिटायर होकर अपनी पसंद का कोई काम शुरू कर सकते हैं। इसके लिए हम आपको 10 साल का फाइनेंशियल प्‍लान बता रहे हैं इससे आप 10 साल में 1 करोड़ रुपए का फंड बना सकते हैं। इस पैसे से आप अपना बिजनेस शुरू कर सकते हैं या इस पैसे को म्‍युचुअल फंड में निवेश कर रिटर्न से मिलने वाले पैसे से अपने मंथली खर्च की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं।



1 करोड़ का फंड बनाने के लिए कितना करना होगा निवेश 

इसके लिए आपको म्‍युचुअल फंड में एकमुश्‍त 5 लाख रुपए का निवेश करना होगा। इसके साथ ही आपको म्‍युचुअल फंड एसआईपी में हर माह 20,000 रुपए का निवेश शुरू करना होगा। आपको एसआईपी में अपना निवेश हर साल 15 फीसदी बढ़ाना होगा। अगर आपके निवेश पर सालाना 14 से 16 फीसदी की रेंज में रिटर्न मिलता है तो आप 10 साल में 1 करोड़ रुपए का फंड बना लेंगे। इक्विटी म्‍युचुअल फंड में लंबी अवधि में 14 से 16 फीसदी तक रिटर्न मिल सकता है। यहां पर  इस बात का ध्‍यान रखना जरूरी है कि म्‍युचुअल फंड में निवेश पर रिटर्न की गारंटी नहीं होती है और इस पर रिटर्न शेयर बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करता है। 


1 करोड़ का फंड बनाने के लिए कितना करना होगा निवेश 


बैंकबाजारडॉटकॉम के सीईओ आादिल शेट्टी ने moneybhaskar.com को बताया कि जो लोग एकमुश्‍त निवेश के साथ एसआईपी को जोड़ना चाहते हैं उनके लिए लंबी अवधि का प्‍लान अच्छा ऑप्शन है। अगर आप 5 लाख रुपए म्‍युचुअल फंड में एकमुश्‍त निवेश करते हैं और इस पर सालाना 15 फीसदी रिटर्न मिलता है तो यह 10 साल में 20.22 लाख रुपए हो जाएगा। आप इसी फंड में 20,000 रुपए की एसआईपी शुरू कर सकते हैं। आप एसआईपी में निवेश को हर साल 15 फीसदी बढ़ाते रहें। आपके निवेश पर सालाना 15 फीसदी रिटर्न मिलता है तो 10 साल बाद आपके एसआईपी अकाउंट 95.56 लाख रुपए होंगे। आपका एकमुश्‍त 5 लाख रुपए का निवेश और एसआईपी निवेश मिलाकर 10 साल में आपको 1.15 करोड़ का फंड दे सकता है। 
1 करोड़ रुपए निवेश कर पा सकते हैं सालाना 10 लाख रुपए का रिटर्न 



अगर आप चाहें तो 1 करोड़ रुपए म्‍युचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इससे आपको सालाना 10 से 12 फीसदी तक रिटर्न मिल सकता है। अगर आपके निवेश पर सालाना 10 फीसदी रिटर्न भी मिलेगा तो यह 10 लाख रुपए होगा। ऐसे में आप बिना कोई काम किए भी अपनी मंथली खर्च की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। इससे आपके ऊपर मंथली खर्च के लिए पैसों का इंतजाम करने का दबाव नहीं रहेगा और आप टेंशन फ्री होकर अपना पसंदीदा काम कर सकते हैं। Shaadi.com Indian Matrimonials





new top 10 richest list 2018 and mukesh ambani position | बदल गई दुनिया के टॉप 10 अमीरों की लिस्ट, मार्क जुकरबर्ग तीन पायदान खिसके, अंबानी एशिया में नंबर वन

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Low cost business loan : how can i avail PMEGP loan | कभी दिहाड़ी पर करती थी काम, अब कमा रही है 7 लाख सालाना, लोन ले कर खोली चपाती यूनिट

Low cost business loan : how can i avail PMEGP loan | कभी दिहाड़ी पर करती थी काम, अब कमा रही है 7 लाख सालाना, लोन ले कर खोली चपाती यूनिट





पपना मनी चांदना कभी दिहाड़ी पर काम किया करती थी, लेकिन अपना काम शुरू करने की ललक के चलते उन्‍होंने लोन लिया और देखते ही देखते अपनी यूनिट खड़ी कर दी। अब वह न केवल सालाना लगभग 7 लाख रुपए कमा रही हैं, बल्कि वह आठ महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं। आंध्रप्रदेश के गुंटुर जिले की चांदना ने प्रधानमंत्री इम्‍प्‍लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम (PMEGP) के तहत 12 लाख रुपए का लोन लेकर इंसटेंट चपाती व पूड़ी मेकिंग यूनिट शुरू की। तीन साल के इस दौर में वह अब महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं। बल्कि, केंद्र सरकार भी उनकी मिसाल देकर लोगों को PMEGP से लोन लेकर स्‍वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही है। 



मिनिस्‍ट्री ने किया ट्विट 
मिनिस्‍ट्री ऑफ माइक्रो, स्‍मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज की ओर से शनिवार को एक ट्वीट   किया गया, जिसमें चांदना की स्‍टोरी के बारे में बताया गया है। साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि वे भी PMEGP से लोन ले सकते हैं। 

लोन के साथ ली ट्रेनिंग 
चांदना ने moneybhaskar.com को बताया कि वह घर का खर्च चलाने के लिए अपने ही कस्‍बे में डेली वर्कर के तौर पर काम करती है। वहीं, उसे पता चला कि सरकार की ओर से बिजनेस के लिए लोन मिल रहा है तो वह अपने पति पपना नरसिम्‍हाराव के साथ जिला उद्योग केंद्र पहुंची और लोन के लिए अप्‍लाई कर दिया। कुछ लोगों की सलाह पर उसने इंसटेंट फूड मेकिंग यूनिट के बारे में जाना। उद्योग केंद्र ने पूरी प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट बनाने में मदद की और वहीं उसे इंसटेंट फूड मेकिंग यूनिट चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई और आखिरकार उसे 12 लाख रुपए का लोन मिला और उसने अपनी यूनिट लगा ली। 

60 हजार रु. बचा लेती हैं चांदना 
चांदना ने बताया कि पहले साल तक दिक्‍कतें हुई। चपाती बन तो जाती थी, लेकिन कस्‍टमर नहीं थे। कुछ समय बीतने के बाद कस्‍टमर बन गए और अब तीन साल बाद सबकुछ ठीक हो गया है। चांदना के मुताबिक, अभी उनकी यूनिट में आठ महिलाएं काम कर रही हैं। उनकी तनख्‍वाह और बाकी खर्च निकालने के बाद उन्‍हें 50 से 60 हजार रुपए बच जाते हैं। 

आप भी ले सकते हैं 25 लाख तक का लोन 
पीएमईजीपी को पहले प्रधानमंत्री रोजगार योजना भी कहा जाता था। इस स्‍कीम की शुरुआत साल 2008-09 में हुई थी। इस स्‍कीम का मकसद सेल्‍फ इम्‍प्‍लॉयमेंट को बढ़ाना है। इस स्‍कीम के तहत 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्‍यक्ति सर्विस सेक्‍टर में 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक और मैन्‍युफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में 10 लाख रुपए से 25 लाख रुपए तक का प्रोजेक्‍ट लगाने के लिए सरकार से लोन ले सकता है। इस स्‍कीम के तहत 90 फीसदी तक लोन दिया जाता है, जबकि रूरल एरिया में प्रोजेक्‍ट कॉस्‍ट का 25 फीसदी और अर्बन एरिया में 15 फीसदी सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है।

आगे पढ़ें : कैसे करें अप्‍लाई कैसे करें अप्‍लाई 
अगर आप PMEGP के तहत लोन लेना चाहते हैं तो आप इस लिंक पर https://kviconline.gov.in/pmegpeportal/jsp/pmegponline.jsp ऑनलाइन अप्‍लाई भी कर सकते हैं। इसके लिए आपके पास आधार नंबर होना जरूरी है। इस आधार नंबर के आधार पर आप अप्‍लाई कर सकते हैं। आपको बताना होगा कि आप जिला उद्योग केंद्र या खादी बोर्ड के माध्‍यम से लोन लेना चाहते हैं। आपको यह भी बताना होगा कि आप किस बैंक से लोन लेना चाहते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं कि आपकी अप्‍लीकेशन उसी बैंक के पास जाए। आपको पैन कार्ड की भी डिटेल देनी होगी। 

 आगे पढ़ें : प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट करें तैयार 
आप जिस बिजनेस के लिए लोन लेना चाहते हैं। उसकी प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट बना कर अप्‍लीकेशन के साथ सबमिट करनी होगी। यदि आपको प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट के बारे में जानकारी नहीं है तो  आप  https://kviconline.gov.in/pmegpeportal/pmegphome/index.jsp  वेबसाइट की मदद ले सकते हैं। यह पेज खुलने के बाद आपके लेफ्ट हैंड पर डाउनलोड मॉडल प्रोजेक्‍ट का ऑप्‍शन आएगा, जहां आप मॉडल रिपोर्ट देख कर अपने बिजनेस के हिसाब से प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट तैयार कर सकते हैं। 
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Monday 30 July 2018

success story of dhundhoo app tracking systems developer | 3 दोस्तों ने MNC की नौकरी छोड़ शुरू किया बिजनेस, 2 साल में खड़ी हो गई 75 लाख की कंपनी, गाड़ियों में लगाती है ट्रैकिंग डिवाइस

success story of dhundhoo app tracking systems developer | 3 दोस्तों ने MNC की नौकरी छोड़ शुरू किया बिजनेस, 2 साल में खड़ी हो गई 75 लाख की कंपनी, गाड़ियों में लगाती है ट्रैकिंग डिवाइस





आए दिन सुनने या पढ़ने को मिलता है कि स्कूल बस किसी दुर्घटना का शिकार हो गई या फिर ड्राइवर बस को गलत रूट पर ले गया। ऐसी घटनाओं के कारण पैरेंट्स अपने बच्चों को लेकर चिंता में रहते हैं। इस कारण ही सरकार ने स्कूल बसों में कैमरा और GPS ट्रैकिंग सिस्टम अनिवार्य कर दिया है।


बिजनेस के लिए आइडिया खोज रहे तीन दोस्तों को सरकार के फैसले में मौका दिखा और उन्होंने अपनी MNC की नौकरी छोड़ ट्रैक्यूला सर्विसेज प्राइवेट लि. की शुरुआत है। महज 2 साल में कंपनी का टर्नओवर 75 लाख रुपए हो गया है।

MNC की नौकरी छोड़ बनाई कंपनी
कंपनी के एक फाउंडर मेंबर रोहित जैन ने मनीभास्कर को बताया कि ट्रैक्यूला सर्विसेज को तीन दोस्तों ने मिलकर शुरू किया है। मैं, मनीष सेवलानी और स्वप्निल तामगाडगे इसके फाउंडिंग मेंबर हैं। हम तीनों ने एनआईआईटी वारंगल से ग्रैजुएशन किया है। एक ही कॉलेज में पढ़ने की वजह से हमारी दोस्ती हो गई थी। ग्रैजुएशन करने के बाद हमने मल्टी नेशनल कंपनी में काम किया। हालांकि नौकरी के साथ अपना बिजनेस शुरू करने के लिए आइडिया की तलाश जारी रही। आइडिया मिलते ही हमने नौकरी छोड़ दी और फरवरी 2016 में बिजनेस शुरू कर दिया। 
 35 लाख रुपए का किया निवेश

रोहित का कहना है कि इस बिजनेस को शुरू करने में 35 लाख का रुपए का इन्वेस्टमेंट किया। यह रकम परिवार और दोस्तों से जुटाई गई। हमने व्हीकल ट्रैकिंग सिस्टम के लिए Dhundhoo ऐप बनाया। इंटरनेट और स्मार्टफोन के यूजर्स बढ़ने से हमारे बिजनेस को फायदा मिला। वे देश भर के 40 से 45 स्कूलों को अपनी सर्विस दे रहे हैं। इसके जरिए स्कूल के 20,000 से ज्यादा अभिभावक सर्विस का उपयोग कर रहे हैं। इसके जरिए अभिभावक स्कूल बस को ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।

स्मार्ट सिटीज में भी दे रहे हैं सर्विस

रोहित के मुताबिक, ट्रैक्यूला सर्विसेज हैदराबाद में बन रहे स्मार्ट सिटीज को भी सर्विसेस प्रोवाइड कर रही है। ट्रैक्यूला सर्विसेस फिलहाल 14 शहरों में ऑपरेशनल है। इसमें दिल्ली, अजमेर, आगरा, हैदराबाद, नैलोर, बेंगलुरू, कोयंबटूर, विशाखापट्टनम, नागपुर, वारंगल शामिल है। इसके अलावा 500 व्हीकल को ट्रैकिंग सर्विस उपलब्ध करा रहा है।
 75 लाख रु हुआ कंपनी का टर्नओवर

रोहित और उनके दोस्त अब स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन पर फोकस बढ़ा रहे हैं। उनका कहना है कि कंपनी ब्रेक इवन यानी मुनाफे में आ चुकी है। सवा दो साल में कंपनी का टर्नओवर 75 लाख रुपए हो चुका है। इस ऐप का हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर इन्होंने इन हाउस डेवलप किया है,. जिससे कॉस्ट खासी बच गई। 

अमेरिका में बिजनेस बढ़ाना लक्ष्य

ट्रैक्यूला सर्विसेज अब अमेरिका में अपना बिजनेस बढ़ाना पर भी फोकस कर रही है। इसके लिए कंपनी ने एक अमेरिकी कंपनी से टाइअप किया है। इसके जरिए कंपनी वहां ट्रैकिंग सिस्टम का बिजनेस बढ़ाएगी।
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Banks or financial institutions that provide personal loan instantly in minutes, Get personal loan instantly | महीने के आखिर में चाहिए 20,000 रु., मिनटों में आएंगे अकाउंट में

Banks or financial institutions that provide personal loan instantly in minutes, Get personal loan instantly | महीने के आखिर में चाहिए 20,000 रु., मिनटों में आएंगे अकाउंट में




अक्‍सर ऐसा होता है कि महीना का आखिर आते-आते हमारी सैलरी खत्‍म हो चुकी होती है। ऐसे में कोई अचानक से आ गए खर्चे जैसे कोई मेडिकल इमरजेंसी, व्‍हीकल में खराबी आदि जैसे खर्च को मैनेज करना मुश्किल होता है। इसके लिए हम दोस्‍तों या रिश्‍तेदारों से मदद मांगते हैं लेकिन कई बार उनके हालात भी हमारे जैसे ही होते हैं। ऐसे में अगर कहीं से भी पैसे का जुगाड़ न हो रहा हो तो छोटे पर्सनल लोन काम आ सकते हैं। 



देश में ऐसे भी कुछ फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशन हैं, जो आपको मात्र 15 दिन के लिए 20,000 रुपए जैसा छोटा अमाउंट भी उधार देते हैं। इतना ही नहीं लोन का अमाउंट मिनटों में आपके अकाउंट में ट्रान्‍सफर भी हो जाता है। आइए आपको बताते हैं ऐसे ही कुछ फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशन के बारे में- 


कैश ई

कैश ई एक फिनटेक कंपनी है, जो 10,000 रुपए से लेकर 2 लाख रुपए तक का लोन इंस्‍टैंटली यानी तुरंत उपलब्‍ध करा देती है। 18 साल से ज्‍यादा का कोई भी व्‍यक्ति, जिसकी सैलरी 15,000 रुपए या इससे ज्‍यादा है, कैश ई से लोन पा सकता है। कैश ई से लोन का अमाउंट केवल 8 मिनट के अंदर आपके बैंक अकाउंट में ट्रान्‍सफर हो जाता है। लोन को चेक या बैंक ट्रान्‍सफर के जरिए चुकाया जा सकता है।  
यहां से आप केवल 15 दिन के लिए भी लोन ले सकते हैं, जिसकी इंट्रेस्‍ट रेट 1.5% है।  इसके अलावा 30 दिन, 90 दिन और 180 दिन यानी 6 माह के लिए भी लोन उपलब्‍ध है। 
 
हालांकि कैश ई अपने ऐप के जरिए लोन उपलब्‍ध कराती है और इसके लिए आपको ऐप पर अपने फेसबुक, गूगल या 

कैपिटल फर्स्‍ट

कैपिटल फर्स्‍ट से लोन लेने के लिए ऑनलाइन अप्‍लाई करना होता है। कैपिटल फर्स्‍ट केवल 2 मिनट में लोन को अप्रूव कर देती है और अमाउंट दो कामकाजी दिनों के अंदर आपके अकाउंट में ट्रान्‍सफर हो जाता है। यहां से आपको 50,000 रुपए से लेकर 10 लाख रुपए तक का लोन इंस्‍टैंटली मिल जाएगा। लोन चुकाने की अवधि में 1 साल से लेकर 5 साल तक का विकल्‍प मौजूद है। 

टाटा कैपिटल

टाटा कैपिटल से आपको 25 लाख रुपए तक का लोन इंस्‍टैंटली मिल जाएगा। टाटा कैपिटल से लोन लेने के लिए केवल ऑनलाइन माध्‍यम से ही अप्‍लाई किया जा सकता है। सभी जरूरी डॉक्‍यूंमेंटेशन पूरी हो जाने के बाद लोन अप्रूव हो जाता है और 72 घंटों के अंदर लोन की राशि आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर दी जाती है। 


स्‍टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक

स्‍टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक 1 लाख रुपए से लेकर 30 लाख रुपए तक का लोन इंस्‍टैंटली उपलब्‍ध कराता है। हालांकि कितना लोन मिलेगा, यह कस्‍टमर की चुका सकने की योग्‍यता पर आधारित होता है। सभी जरूरी डॉक्‍यूमेंट मिलने के बाद स्‍टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक से लोन का अमांउट 4-7 वर्किंग डेज में आपके अकाउंट में ट्रान्‍सफर कर दिया जाता है। 
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TCNS Clothing to make stock mkt debut tomorrow | 16 साल में खड़ी की 4400 करोड़ की कंपनी, अब तीसरी पीढ़ी बिजनेस के साथ कराएगी कमाई

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list of wholesale market of Jeans & Shirt in India | 150 रु की शुरुआती कीमत में जींस तो 80 में टी शर्ट, देश की 5 होल सेल मार्केट का उठा सकते हैं फायदा

list of wholesale market of Jeans & Shirt in India | 150 रु की शुरुआती कीमत में जींस तो 80 में टी शर्ट, देश की 5 होल सेल मार्केट का उठा सकते हैं फायदा



जींस-टी शर्ट ऐसे कपड़े हैं जो कि अब हमारी रोजमर्रा की जरुरत बन गए हैं। ऐसे में अगर आप इन्हें सस्ते खरीदना चाहते हैं, तो देश की प्रमुख होलसेल मार्केट का रुख कर सकते हैं। जहां पर आपको 80-100 रुपए में टी शर्ट से लेकर 150 रुपए की शुरूआती कीमत में जींस मिल जाएगी। आप अपनी रेंज के अनुसार इससे महंगे भी जींस-टी शर्ट खरीद सकते हैं। खास बात यह है कि रिटेल मार्केट की तुलना में होलसेल मार्केट में आपको कपड़े 40-50 फीसदी कम रेट पर मिल जाएंगे। जींस-टी शर्ट की प्रमुख होलसेल मार्केट दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, कोलकाता में हैं।

गांधी नगर मार्केटदिल्ली

दिल्ली की गांधी नगर मार्केट कों जींस, शर्ट और टी-शर्ट का गढ़ माना जाता है। ये एशिया की सबसे बड़ी रेडीमेड गारमेंट मार्केट है। गांधी नगर मार्केट में 150 से 200 रुपए की शुरुआती कीमत में जींस मिल जाती है। यहां टीशर्ट की कीमत 80 रुपए और शर्ट की कीमत 100 रुपए से शुरू है। हालांकिं, इस रेंज में आपको क्वालिटी से समझौता करना होगा। वहीं अगर आप थोड़ी ज्यादा कीमत देते हैं, तो आपको अच्छी क्वालिटी के कपड़े मिल जाएंगे। जो कि रिटेल रेट की तुलना में 40-50 फीसदी तक सस्ते मिल जाएंगे।

चांदनी चौकदिल्ली

चांदनी चौक कपड़ो के लिए दिल्ली का सबसे बड़ा होलसेल मार्केट है। यहां जींस, टी-शर्ट और शर्ट थोक के भाव में पटरियों पर बिकते हैं। चांदनी चौक में 80 से 100 रुपए से शर्ट के दाम शुरू हैं। यहां 80 रुपए से लेकर 500 रुपए में अच्छी शर्ट मिल जाएगी। वहीं, जींस की कीमत 200 रुपए से शुरू है और 200 रुपए से 600 रुपए में जींस मिल जाएगी। वहीं टीशर्ट 150 रुपए से 450 रुपए में मिल जाएगी।

आगे पढ़े और कौनसी हैं जींस की होलसेल मार्केट..
खार मार्केटमुंबई

मुंबई की खार मार्केट में यहां के लोगों के बीच काफी फेमस है। ये पटरियों पर लगने वाली दुकानों के अलावा एक्सपोर्ट हुए प्रोडक्ट के लिए काफी फेमस है। यहां आपको जींस, टीशर्ट, शर्ट रिटेल मार्केट की तुलना में लगभग आधे दाम में मिलेंगे लेकिन यहां बारगेन करना न भूले। यहां आपको फैशनेबल और ट्रेंडी जींस, शर्ट और टीशर्ट 200 से 1,000 रुपए तक में मिल जाएंगे।

घीकांताअहमदाबाद

गुजरात के अहमदाबाद की घीकांता जींस और शर्ट की होलसेल मार्कट है। ये मार्केट अहमदाबाद सिटी में बीच में स्थित है। गुजरात गारमेंट मैन्युफैक्चरर एसोसिएशन इसी मार्केट से है। यहां जींस, शर्ट और टीशर्ट की रेन्ज 100 रुपए से शुरू है और 1,000 रुपए तक जाती है। यहां से जींस, शर्ट और टीशर्ट देश के अन्य राज्यों में भी सप्लाई होती है।

आगे पढ़े और कौनसी हैं जींस की होलसेल मार्केट..
चौरींगी लेनकोलकाता


चौरींगी लेन कोलकाता की होलसेल मार्केट है और यहां क्लोदिंग में सभी प्रोडक्ट मिलते हैं। यहां कई दुकाने हैं जो जींस, शर्ट, टीशर्ट बेचती है। ये मार्केट कोलकाता में काफी फेमस है। यहां तमाम प्रोडक्ट अन्य रिटेल मार्केट की तुलना में लगभग आधे दाम में मिलेंगे लेकिन यहां बारगेन करना न भूले। यहां आपको फैशनेबल और ट्रेंडी कपड़े जैसे जींस, शर्ट, टीशर्ट 150 से 1,000 रुपए तक की रेन्ज में आसानी से मिल जाएंगे।
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Friday 27 July 2018

success story of dhundhoo app tracking systems developer | 3 दोस्तों ने MNC की नौकरी छोड़ शुरू किया बिजनेस, 2 साल में खड़ी हो गई 75 लाख की कंपनी, गाड़ियों में लगाती है ट्रैकिंग डिवाइस

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Paytm technology and expertise in mobile payments, Paytm in Japan | जापान में यूज होगी Paytm की टेक्‍नोलॉजी, सॉफ्टबैंक ने पेमेंट सर्विस के लिए की पार्टनरशिप

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Govt decided to classify MSME on turnover based | टर्नओवर के आधार पर मिलेगा MSMEs का दर्जा, सरकार ने लोकसभा में पेश किया बिल

Govt decided to classify MSME on turnover based | टर्नओवर के आधार पर मिलेगा MSMEs का दर्जा, सरकार ने लोकसभा में पेश किया बिल



मैक्रो, स्‍मॉल और मीडियम इंटरप्राइस की टर्नओवर के हिसाब से परिभाषा तय करने के लिए सरकार ने आज लोकसभा में एक बिल पेश किया है। मैक्रो, स्‍मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइजेस डेवलपमेंट (अमेंडमेंट) बिल के माध्‍यम से इन कारोबारियों की परिभाषा को नए सिरे से तय किया जाएगा।


अभी अलग है तरीका
अभी मैक्रो, स्‍मॉल एंड मीडियम इंटरप्राइस (MSMEs) की कैटेगरी तय करने के लिए प्‍लांट और मशीनरी में निवेश व वार्षिक टर्नओवर को देखा जाता है। नई परिभाषा तैयार करने के लिए इस बिल को आज MSMEs मामलों के राज्‍य मंत्री गिरिराज सिंह ने पेश किया। इस दौरान सरकार ने 2015 में पेश बिल को वापस भी लिया।



अब ऐसे तय होगी परिभाषा
इस बिल के अनुसार जिन कारोबारियों का टर्नओवर 5 करोड़ रुपए तक होगा, उनको मैक्रो इंटरप्राइज कहा जाएगा। 5 करोड़ रुपए से लेकर 75 करोड़ रुपए के बीच के कारोबारी को स्‍मॉल इंटरप्राइज कहा जाएगा। वहीं 75 करोड़ रुपए से ज्‍यादा और 250 करोड़ रुपए तक के कारोबारियों को मीडियम इंटरप्राइजेस कहा जाएगा।



ये है नया बिल लाने का कारण
मंत्री ने कहा कि नया बिल लाने की जरूरत इसलिए पड़ी कि पहले परिभाषा तय करने का तरीका कठिन था। उनके अनुसार कारोबारियों का कहना था कि प्‍लांट और मशीनरी में निवेश के वेरिफिकेशन के लिए उनको फीस देनी होती थी। यह कॉस्‍ट उनके कारोबार पर काफी ज्‍यादा थी। इसी कारण परिभाषा का स्‍पष्‍ट किया गया है। उन्‍होंने बताया कि इससे पहले 2006 में MSME एक्‍ट लाया गया था। इस एक्‍ट में इस सेक्‍टर को प्रमोट करने के लिए कई उपाए किए गए थे। उन्‍होंने कहा कि इस नए बिल से प्रमोटर को निवेश के लिए उत्‍साहित किया जाएगा।



नई परिभाषा से होगी आसानी
उन्‍होंने कहा कि जब हम लोग इस सेक्‍टर के लिए नई परिभाषा तय कर रहे थे तो कई सुझाव मिले थे, लेकिन टर्न ओवर के हिसाब से यही सबसे अच्‍छा पाया गया। इसमें कारोबारी के जीएसटीएन नेटवर्क से भी डाटा का मिलान करना आसान होगा। उन्‍होंने कहा कि इस नए तरीके से ईज ऑफ डूईंग बिजनेस को भी बढ़ावा मिलेगा।


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You have opportunity to detergent powder manufacturing plant | 2.60 लाख में लगाएं डिटर्जेंट पाउडर मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, 40 हजार मंथली हो सकती है इनकम, सरकार देगी मदद

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how to get patanjali card, patanjali is giving swadeshi samriddhi card, what is swadeshi samriddhi card, how to get discount on patanjali products | 100 रुपए में बनवाइए पतंजलि का स्‍वेदशी समृद्धि कार्ड, 10% कैशबैक के साथ 5 लाख की सुरक्षा

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FMCG, हेल्‍थ और बोतलबंद पानी के बाद बाबा रामदेव  (baba ramdev) की पतंजलि ( patanjali )  अब डिजिटल पेमेंट के क्षेत्र में उतर गई है। इसके तहत कंपनी अपना नया 'स्‍वेदशी समृद्धि कार्ड' (swadeshi samriddhi card)  लेकर आई है। किसी भी आम डेबिट और क्रेडिट कार्ड की तरह दिखने वाले स्‍वेदशी समृद्धि कार्ड के जरिए पतंजलि के प्रोडक्‍ट खरीदने पर 10 फीसदी तक कैशबैक मिलेगा। साथ ही कार्डधारक के परिवार को किसी दुर्घटना में मौत होने की स्थिति में 5 लाख रुपए तक का बीमा कवर भी मिलेगा। कंपनी का यह कार्ड कोई भी हासिल कर सकता है। इसकी फीस मात्र 100 रुपए है। कार्ड की बुकिंग शुरू हो चुकी है। इसके लिए आपको एक प्रॉसेस फॉलो करना होगा। आइए जानते हैं इस कार्ड के बारे में और आखिर इसे कैसे हासिल किया जा सकता है... 


क्‍या है पतंजलि स्‍वेदशी समृद्धि कार्ड?
पतंजलि स्‍वदेशी समृद्धि कार्ड एक तरह का शॉपिंग कार्ड है। पतंजलि के एक कस्‍टमर एग्‍जीक्‍यूटिव ने moneybhaskar.com से बातचीत में बताया कि शॉपिंग करने के लिए आपको इस कार्ड में टॉपअप या रीचार्ज करना होगा। इसके जरिए पतंजलि के किसी भी मेगा स्‍टोर, चिकित्‍सालय या आरोग्‍य केंद्र से अगर आप खरीददारी करेंगे तो कंपनी आपको 10 फीसदी तक का कैशबैक और 5 लाख रुपए का फ्री बीमा कवर मुहैया कराएगी। एग्‍जीक्‍यूटिव के मुताबिक, यह एक तरह का शॉपिंग डेबिट कार्ड होगा। 

कार्ड रखने के क्‍या क्‍या फायदे 
पतंजलि के प्रोडक्‍ट खरीदने पर आपको 10 फीसदी तक कैशबैक मिलेगा। आपके खर्च और परचेज के हिसाब से आपको 5 से 10 फीसदी के बीच कैशबैक दिया जाएगा। कार्ड के लिए पतंजलि ने swadeshisamridhi.com वेबसाइट की शुरुआत की है। इस पर दी गई जानकारी के मुताबिक, कार्ड के साथ आपको 5 लाख रुपए का बीमा कवर भी मिलेगा। पतंजलि का यह भी दावा है कि इससे होने वाले सारे प्रॉफिट को वह धर्मार्थ कार्यों में खर्च करेगी। 5 लाख का कवर और 10 फीसदी का कैशबैक पाने के लिए कुछ नियम और शर्तों का भी पालन करना होगा। 

कैसे मिलेगा कार्ड 
आप यह कार्ड ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों तरीके से हासिल कर सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन के लिए आपको पतंजलि स्‍वदेशी समृद्धि कार्ड की आधिकारिक वेबसाइट swadeshisamridhi.com पर जाना होगा। यहां आप बाय योर कार्ड के ऑप्‍शन पर क्लिक करके खुद को रजिस्‍टर करें। यहां आपको एक रजिस्‍ट्रेशन आईडी मिलेगी। इसे लेकर किसी भी पतंजलि मेगा स्‍टोर, चिकित्‍सालय या अरोग्‍य केंद्र जाएं। यहां ये आपको कार्ड मिल जाएगा। इसके लिए आपको 100 रुपए के साथ अतिरिक्‍त टैक्‍स का भी भुगतान करना होगा।  
 कैसे मिलेगा 10 फीसदी तक का कैशबैक


ऐसे मिलेगा 10 फीसदी तक का कैशबैक 

आप पतंजलि स्‍वदेशी समृद्धि कार्ड के जरिए पतंजलि के प्रोडक्‍ट पर 10 फीसदी तक का कैशबैक हासिल करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको कुछ नियम और शर्तों का पालन करना होगा। अगर आप कार्ड में एक बार में 4000 रुपए तक का टॉपअप करते हैं तो पतंजलि आपको 5 फीसदी का कैशबैक देगी। यानी 200 रुपए का कैशबैक आपको मिलेगा। अगर आप 4001 रुपए या इससे ज्‍यादा का टॉपअप करते हैं तो आपको 7 फीसदी का कैशबैक दिया जाएगा। किसी स्‍टोर से 5001 रुपए या इससे ज्‍यादा की खरीददारी करने पर 3 फीसदी की एक्‍स्‍ट्रा छूट जाएगी। यानी अगर आपने कार्ड में 5001 रुपए का टॉपआप किया और उतने की ही खरीददारी की तो 7+3 यानी 10 फीसदी का लाभ मिलेगा। 

एक दिन में 9999 रुपए से ज्‍यादा की शॉपिंग नहीं 
कंपनी की ओर से कार्ड मुफ्त नहीं दिया जाएगा। इसके लिए आपको 100 रुपए की फीस चुकानी होगी। पहला टॉपअप कम से कम 500 रुपए का होना चाहिए। कार्ड के जरिए आप एक दिन में 9999 रुपए से ज्‍यादा की शॉपिंग नहीं कर सकते हैं। एक महीनें में आपको 50,000 रुपए से ज्‍यादा के टॉपअप की इजाजत नहीं होगी। कैशबैक की लिमिट भी निर्धारित है। महीने में आप एक कार्ड पर 1000 रुपए से ज्‍यादा का कैशबैक हासिल नहीं कर सकते हैं।
 कैसे मिलेगा 5 लाख रुपए का बीमा कवर 
अगर आप 5 लाख रुपए का बीमा कवर हासिल करना चाहते हैं तो इसके लिए भी आपको कुछ नियम और शर्तों का पालन करना होगा। कंपनी पतंजलि निष्‍ठा सहयोग के तहत यह बीमा मदद के रूप में मुहैया कराएगी। पतंजलि निष्‍ठा सहयोग पान के लिए पहले दिन से लेकर एक महीने के भीतर कार्ड मेंबर को 6000 रुपए की खरीददारी करनी होगी। इसके बाद वह अगले 6 महीने तक 5 लाख का बीमा कवर पाने की हकदार होगा। इसके तहत अगर दुर्घटना में मौत पर 5 लाख और विकलांग होने की दशा में 2.5 लाख की मदद दी जाएगी। बीमा का क्‍लेम पाने के लिए जरूरी है कि इन 6 महीनों या 180 दिन के दौरान आपने 6000 रुपए की खरीददारी की हो।

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Low cost Business: How can start a Ayurvedic products unit | 50 हजार रु. में शुरू हो जाएगा आयुर्वेदिक वटी गुटिका प्‍लांट, सरकार दे रही लोन और सब्सिडी

Low cost Business: How can start a Ayurvedic products unit | 50 हजार रु. में शुरू हो जाएगा आयुर्वेदिक वटी गुटिका प्‍लांट, सरकार दे रही लोन और सब्सिडी





मोदी सरकार के प्रयासों के देश में योग और आयुर्वेद का चलन बढ़ा है। इसको और बढ़ावा देने के लिए सरकार आयुर्वेदिक प्रोडक्‍ट्स (Ayurvedic Products) बनाने की यूनिट लगाने के लिए प्रधानमंत्री इम्‍प्‍लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम (PMEGP) के तहत 90 फीसदी तक लोन और 25 फीसदी तक सब्सिडी दे रही है। आयुर्वेदिक प्रोडक्‍ट्स में वटी गुटिका की डिमांड काफी अधिक है। लगभग हर आयुर्वेदिक कंपनी वटी गुटिका बनाकर बेच रही है। वटी या गुटिका के नाम से जाने जानी वाली यह आयुर्वेदिक दवा कई तरह की बीमारियों में काम आती है। गले की खराश, कब्‍ज, एलर्जी जैसी बीमारियों में तुरंत राहत देने वाली इस दवा को लोग घरों में भी रखते हैं, ताकि समय आने पर इसका इस्‍तेमाल किया जा सके।




खादी विलेज इंडस्‍ट्रीज कमीशन (KVIC) के सैंपल प्रोजेक्‍ट प्रोफाइल में वटी गुटिका बनाने वाली मैन्‍युफैक्‍चरिंग यूनिट के प्रोजेक्‍ट को भी शामिल किया है। इनकी प्रोजेक्‍ट कॉस्‍ट लगभग 5 लाख रुपए है और प्रधानमंत्री इम्‍प्‍लॉयमेंट जनेरशन प्रोग्राम के तहत यदि आप लोन के लिए अप्‍लाई करते हैं तो आपके पास 50 हजार रुपए होने चाहिए, शेष 90 फीसदी आपको लोन मिल जाएगा। 
कितनी होगी प्रोजेक्‍ट कॉस्‍ट 
KVIC के प्रोजेक्‍ट प्रोफाइल के मुताबिक, आपके प्रोजेक्‍ट की कॉस्‍ट लगभग 5.06 लाख रुपए आएगी, जिसमें मशीनरी-इक्विपमेंट, वर्किंग कैपिटल, वर्कशॉप का किराया आदि शामिल है। इस कॉस्‍ट में आप साल भर में लगभग 20 हजार वटी गुटिका तैयार करेंगे। 

कैसे बनाएं प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट 
अगर आप KVIC  से प्रधानमंत्री इम्‍प्‍लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम के तहत लोन लेना चाहते हैं तो आप को प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट तैयार करनी होगी। इसमें - 
बिल्डिंग का किराया : 2 लाख सालाना 
इक्‍वीपमेंट : 2 लाख 10 हजार 
वर्किंग कैपिटल : 96 हजार 
रॉ मैटिरियल : 3.35 लाख 
लेबल पैकेजिंग : 25 हजार 
सैलरी : 4.25 लाख 
एडमिनिस्‍ट्रेटिव खर्च : 1.50 लाख 
ओवरहेड : 1.50 लाख 
विविध खर्च : 10 हजार 
लोन का ब्‍याज : 66 हजार 
वर्किंग कैपिटल की जरूरत (सालाना) : 4.18 लाख 
वेरिएबल कॉस्‍ट : 7.38 लाख 
वर्किंग कैपटिल तिमाही : 96 हजार 

क्‍या होगा प्रॉफिट 
प्रोजेक्‍ट रिपोर्ट में आपको बताना होगा कि आपको सालाना कितना फायदा होगा। जैसे कि, फिक्‍सड कॉस्‍ट और वेरिएबल कॉस्‍ट से आपका कॉस्‍ट ऑफ प्रोडक्शन 11 लाख 54 हजार रुपए होगा। चूंकि आपने 20 हजार वटी या गुटिका बनाने का टारगेट रखा है और आप इसे यदि 75 रुपए प्रति पीस बेचते हैं तो आपकी कुल सालाना सेल्‍स 15 लाख रुपए होगी और यानी कि आप लगभग 3.45 लाख रुपए का प्रॉफिट हो सकता है। 

ट्रेनिंग भी देगी सरकार 
सरकार प्रधानमंत्री इम्‍प्‍लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम के तहत लोन देने से पहले बिजनेस से संबंधित ट्रेनिंग भी देती है। इसमें बिजनेस की बारीकियों के साथ साथ मैनेजमेंट और सेल्‍स के गुर भी सिखाएं जाते हैं। 
 कैसे करें अप्‍लाई 
अगर आप इस प्रोजेक्‍ट के लिए लोन लेना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन अप्‍लाई कर सकते हैं या अपने जिले के जिला उद्योग केंद्र या खादी विलेज इंडस्‍ट्रीज कमीशन के जिला कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। ऑनलाइन अप्‍लाई के लिए यहां क्लिक करें https://www.kviconline.gov.in/pmegpeportal/jsp/pmegponline.jsp
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Saturday 21 July 2018

he started business after quitting 22 years job now earns up to 6 crore monthly | 22 साल नौकरी करने के बाद शुरू किया बिजनेस, अब हर महीने 5.6 करोड़ कर रहा है कमाई

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success story of ashish hemrajani founder of bookmyshow | हॉस्टल में पार्टी से मिला बिजनेस आइडिया, नौकरी छोड़ आशीष ने खड़ी कर दी BookmyShow

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Logistics firm founded by 13 year old boy | पिता की तकलीफ देख 13 साल के बच्चे ने खड़ी की कंपनी, 2 साल में 100 करोड़ कमाने का प्लान

Logistics firm founded by 13 year old boy | पिता की तकलीफ देख 13 साल के बच्चे ने खड़ी की कंपनी, 2 साल में 100 करोड़ कमाने का प्लान





पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं। मुंबई के 13 साल के एक बच्चे पर यह कहावत सही साबित हुई है। उसने छोटी सी उम्र में न सिर्फ एक कंपनी खड़ी कर दी और 2 साल में 100 करोड़ रुपए कमाने का टारगेट भी तय किया। एक बैंकर को बच्चे का आइडिया इतना शानदार लगा कि वह अपनी नौकरी छोड़कर उसकी कंपनी का सीईओ बनने को भी तैयार हो गया। हम 8वीं कक्षा में पढ़ने वाले तिलक मेहता की बात कर रहे हैं, जिसने एक लॉजिस्टिक कंपनी 'पेपर्स एन पार्सल्स' की स्थापना की। 



कैसे मिला बिजनेस आइडिया
मुंबई के सबअर्बन एरिया में रहने वाले तिलक मेहता का कहना है कि उसे बिजनेस शुरू करने का आइडिया अपने पिता से मिला। उसके पिता विशाल मेहता एक लॉजिस्टिक कंपनी में चीफ एक्जक्यूटिव थे। काम से लौटने के बाद उनको थके-हारे देखकर मन उदास हो जाता था। अपने पिता तकलीफों को देख उसे लॉजिस्टिक सेक्टर में बिजनेस शुरू करने का आइडिया मिला।
 बच्चे के आइडिया पर बैंकर ने छोड़ी नौकरी
'पेपर्स एन पार्सल्स' की शुरुआत करने वाले तिलक ने अपने बिजनेस आइडिया के बारे में एक बैंकर को बताया। बैंकर को उसका आइडिया इतना अच्छा लगा कि उसने अपनी जमी जमाई नौकरी छोड़कर कंपनी का चीफ एग्जीक्यूटिव बनने को तैयार हो गया। साथ ही उसने बिजनेस बढ़ाने की प्लानिंग के तहत डब्बावाला के साथ हाथ मिलाया ताकि पार्सल की डिलीवरी दूरदराज तक पहुंच सके।
40 से 180 रुपए पार्सल का है चार्ज

तिलक की लॉजिस्टिक कंपनी 3 किलो पार्सल तक डिलीवरी करती है। कंपनी 40 से 180 रुपए वजन के अनुसार चार्ज करती है।
बैंक की नौकरी छोड़ तिलक की कंपनी के सीईओ बने घनश्याम पारेख ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य इंट्रा-सिटी लॉजिस्टिक मार्केट के 20 फीसदी हिस्से पर काबिज होना तथा 2020 तक 100 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल करना है।
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how to become bank mitra, surya mitra, youth employment scheme of modi government | 5 तरीकों से बनिए मोदी सरकार के 'मित्र', होगी अच्छी इनकम, बैंक-टूरिज्म-सोलर सेक्टर में मौका

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बैंक मित्र बन करें कमाई 
मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई बैंक मित्र काफी पापुलर है। देश में अब तक 1.26 लाख बैंक मित्र बन चुके हैं। हाल ही में, बैंकों में नए सिरे से बैंक मित्र बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई है। कोई भी व्यक्ति, जिसकी उम्र 18 साल से ज्यादा है, वह बैंक मित्र बन सकता है। बैंक मित्र बनने के लिए बैंक 1.25 लाख रुपए तक लोन भी दे रहे हैं। जिसमें बाइक खरीदने से लेकर, लैपटॉप, प्रिंटर, स्कैनर और शुरूआती बिजनेस के लिए भी बैंक से सपोर्ट मिलता है। यानी अगर आपके पास बिजनेस शुरू करने के लिए पूंजी नहीं है, तो भी आप बैंक मित्र बनकर हर महीने अच्छी कमाई कर सकते हैं। बैंक से उन्हें फिक्स सैलरी 5000 रुपए महीना मिलती है। साथ ही, हर ट्रांजैक्शन पर कमीशन भी मिलता है। ग्रामीण इलाकों या जहां एटीएम नहीं है, वहां के लिए बैंक मित्रों को माइक्रो एटीएम दिया जाता है। बैंक मित्र बनने के लिए बैंक शाखाओं से सीधे संपर्क किया जा सकता है। 

क्‍या काम करते हैं बैंक मित्र 
बैंक मित्र प्रमुख रुपए से कस्टमर को ये सर्विसेज देते हैं..
1. सेविंग बैंक अकाउंट खोलना
2. आरडी और एफडी अकाउंट
3. कैश डिपॉजिट और विदड्रॉल सर्विस
4. ओवरड्रॉफ्ट सर्विस
5. किसान क्रेडिट इश्यू करना
6. इन्श्योरेंस प्रोडक्ट और म्युचुअल फंड प्रोडक्ट की बिक्री
7. पेंशन अकाउंट
 8. डीटीएच रिचार्ज
9. मोबाइल रिचार्ज
10. डाटा कार्ड रिचार्ज
11. पोस्ट पेड और लैंड लाइन फोन बिल पेमेंट
12. इलेक्ट्रिसिटी बिल पेमेंट
13. टिकट बुकिंग
14. पैन कार्ड सर्विस
15. सभी तरह के इन्श्योरेंस के प्रीमियम का कलेक्शन

फ्री में बन सकते हैं सूर्य मित्र 
भारत में सोलर सेक्‍टर का तेजी से ग्रोथ हो रहा है। लगभग सभी बड़े औद्योगिक समूह इस सेक्‍टर में अपना बिजनेस बढ़ा रहे हैं। कई विदेशी कं‍पनियां भी भारत में अपने पैर जमा रही हैं। इन कंपनियों में काम करने वालों की कमी को पूरा करने के लिए मोदी सरकार ने सूर्य मित्र स्‍कीम शुरू की है। इस स्‍कीम के तहत सरकार की ओर से फ्री में ट्रेनिंग दी जाती है। सरकार का टारगेट 50 हजार युवाओं को सूर्य मित्र बनाना बनाने का टारगेट रखा था, इसमें से लगभग 18 हजार सूर्य मित्र बन चुके हैं। कोई भी युवा सूर्य मित्र बनने के लिए अप्‍लाई कर सकता है। इसके लिए युवा का दसवीं पास होना जरूरी है। साथ ही, इलेक्ट्रिशियन, वायरमैन, इलेक्‍ट्रॉनिक्‍स, मैकेनिक, फिटर, शीट मैटल में आईटीआई किया हुआ है। उम्र 18 साल से अधिक हो तो आप सूर्य मित्र बनने के लिए अप्‍लाई कर सकते हैं। 

क्‍या होगा सूर्य मित्र बनने का फायदा 
ट्रेनिंग लेने के बाद युवा अपना सोलर बिजनेस शुरू कर सकते हैं।सरकार का सोलर चैनल पार्टनर भी बन सकते हैं।   युवाओं को सोलर सिस्‍टम के मेंटेनेंस, ऑपरेशन और इंस्‍टॉलेशन की ट्रेनिंग दी जाएगी।देश में सोलर प्‍लांट लगा रही व पैनल मैनयुफैक्‍चरिंग कर रही देशी विदेशी कंपनियों में जॉब कर सकते हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य मित्र बनाने की योजना 
मोदी सरकार ने आयुष्मान योजना को सफल बनाने के लिए स्‍वास्‍थ्‍य मित्र योजना शुरू करने की घोषणा की है। ये  स्वास्थ्य मित्र लोगों का बीमा करवाने के साथ-साथ इलाज की सुविधा भी दिलाएंगे। इसके बदले स्‍वास्‍थ्‍य मित्र को एक निश्चित सैलरी के साथ इंसेंटिव भी मिलेगा। स्वास्थ्य मित्र ठीक उसी तरह होंगे जैसे अभी जनधन योजना में बैंक मित्र लोगों का खाता खुलवाने के साथ-साथ बैंकिंग ट्रांजैक्शन कराते हैं। 

क्‍यों चाहिए स्‍वाथ्‍य मित्र
स्‍वास्‍थ्‍य मंत्रालय के एक वरिष्‍ठ अधिकारी के मुताबिक, आयुष्‍मान भारत स्‍कीम के तहत सरकार का फोकस गरीब और वंचित तबके के लोगों को इलाज की सुविधा उपलब्‍ध कराने पर है। इसलिए इन लोगों को आसानी से इस स्‍कीम में जोड़ने के लिए सरकार को उन्‍हीं के बीच के आम लोगों की जरूरत होगी, जो लोगों को आयुष्‍मान स्‍कीम के फायदे बता सकें और स्‍कीम से जुड़ने के लिए राजी कर सकें। इसके अलावा लोगों को आसानी से इंश्‍योरेंस का लाभ मिल सके, ये सुनिश्चित करने में भी स्‍वास्‍थ्‍य मित्र मददगार होंगे। 

पर्यटक मित्र बन करें कमाई 
भारत में टूरिज्‍म सेक्‍टर को प्रमोट करने और बेरोजगार युवाओं को इस सेक्‍टर से जोड़ने के लिए पर्यटक मित्र स्‍कीम चलाई जा रही है। इसके लिए सरकार केवल 10 दिन की ट्रेनिंग देती है। उसके बाद युवाओं को पर्यटक मित्र  का सर्टिफिकेट दे दिया जाता  है। मिनिस्‍ट्री ऑफ टूरिज्‍म द्वारा पर्यटक मित्र की ट्रेनिंग दी जा रही है।  यह ट्रेनिंग लेने के लिए आप कम से कम 12वीं कक्षा पास होने चाहिएं। आपकी उम्र 18 से 28 साल साल के बीच होनी चाहिए। कॉलेज जा रहे स्‍टूडेंट भी यह ट्रेनिंग ले सकते हैं, जो एनसीसी या एनएसएस में भी इनरोल हो। हालांकि उन्‍हें प्रिंसिपल से नो-ऑब्‍जेक्‍शन लेना होगा।

आगे पढ़ें : कैसे सकते हैं कमाई 
कैसे कर सकते हैं कमाई
ट्रेनिंग लेने के बाद आईआईटीटीएम द्वारा न केवल सर्टिफिकेट दिया जाएगा, बल्कि पर्यटक मित्र के तौर पर आपका नाम अपनी वेबसाइट पर डिस्‍पले किया जाएगा। इसके अलावा आईआईटीटीएम द्वारा टूरिज्‍म सेक्‍टर की इंडस्‍ट्री और लीडर्स को वेलेडिक्‍टरी फंक्‍शन में बुलाया जाएगा, जिनसे आप का परिचय कराया जाएगा। वे आपको गाइड या टूरिज्‍म फैसिलिटेटर के तौर पर जॉब पर रख सकते हैं।
आईआईटीटीएम द्वारा राज्‍यों के टूरिज्‍म डिपार्टमेंट को भी पर्यटक मित्रों की लिस्‍ट भेजी जाएगी, ताकि वे आपसे सीधे संपर्क कर सकें। सरकार की योजना है कि राज्‍य के टूरिज्‍म डिपार्टमेंट्स द्वारा आपको पर्यटक मित्र के तौर पर अप्‍वाइंट कर सकती है। जिसके लिए हर माह अच्‍छी खासी रकम दी जाएगी।
पर्यटक मित्र बनने के बाद आप गाइड के तौर पर भी अपना काम शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपको टूरिज्‍म विभाग के पास अलग से रजिस्‍ट्रेशन कराना होगा। यह एक ऐसा काम है, जो सीजन में आपको मोटी कमाई करवा सकता है।

आगे पढ़ें : ई मित्र बनने का मौका 

ई मित्र बनने का मौका 
केंद्र की तर्ज पर राजस्‍थान सरकार की एक बेहद पॉपुलर ई मित्र स्‍कीम है। लोगों को घर के पास ही विभिन्न  सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने ई-मित्र की सुविधा शुरू की है। बिजली, पानी, मोबाइल के बिल जमा करवाने से लेकर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, मूल निवास, परीक्षाओं की फीस, विवाह प्रमाण पत्र बनवाना, रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेन्ट, परीक्षा फीस जमा करवाना, रोज़गार आवेदन जैसी अनेकों सेवाएं ई-मित्र केन्द्रों पर उपलब्ध हैं।

लगभग 30000 से अधिक ई-मित्र वीसी (Video Conferencing) से जुड़े हुए हैं। इनके माध्यम से जन-सुनवाई व प्रशिक्षण की सुविधाएं भी दी जा रही हैं। राज्य में 15000 ई-मित्र कियोस्क बैंकिंग सेवाएं भी दे रहे हैं। यहां लोग आसानी से अपने भामाशाह खाते में प्राप्त राशि निकाल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 2500 ई-मित्र पे-पॉइंट बनाये जा चुके हैं जिनके माध्यम से घर-घर जाकर नकद राशि को निकालने की सुविधा भी दी जा रही है। अगर आप ई मित्र बनना चाहते हैं तो इस पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन करा सकते हैं http://mis.emitra.gov.in/




ई मित्र बनने का मौका 
केंद्र की तर्ज पर राजस्‍थान सरकार की एक बेहद पॉपुलर ई मित्र स्‍कीम है। लोगों को घर के पास ही विभिन्न  सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने ई-मित्र की सुविधा शुरू की है। बिजली, पानी, मोबाइल के बिल जमा करवाने से लेकर जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, मूल निवास, परीक्षाओं की फीस, विवाह प्रमाण पत्र बनवाना, रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेन्ट, परीक्षा फीस जमा करवाना, रोज़गार आवेदन जैसी अनेकों सेवाएं ई-मित्र केन्द्रों पर उपलब्ध हैं।

लगभग 30000 से अधिक ई-मित्र वीसी (Video Conferencing) से जुड़े हुए हैं। इनके माध्यम से जन-सुनवाई व प्रशिक्षण की सुविधाएं भी दी जा रही हैं। राज्य में 15000 ई-मित्र कियोस्क बैंकिंग सेवाएं भी दे रहे हैं। यहां लोग आसानी से अपने भामाशाह खाते में प्राप्त राशि निकाल रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में 2500 ई-मित्र पे-पॉइंट बनाये जा चुके हैं जिनके माध्यम से घर-घर जाकर नकद राशि को निकालने की सुविधा भी दी जा रही है। अगर आप ई मित्र बनना चाहते हैं तो इस पोर्टल पर रजिस्‍ट्रेशन करा सकते हैं http://mis.emitra.gov.in/
 कैसे कर सकते हैं कमाई
ट्रेनिंग लेने के बाद आईआईटीटीएम द्वारा न केवल सर्टिफिकेट दिया जाएगा, बल्कि पर्यटक मित्र के तौर पर आपका नाम अपनी वेबसाइट पर डिस्‍पले किया जाएगा। इसके अलावा आईआईटीटीएम द्वारा टूरिज्‍म सेक्‍टर की इंडस्‍ट्री और लीडर्स को वेलेडिक्‍टरी फंक्‍शन में बुलाया जाएगा, जिनसे आप का परिचय कराया जाएगा। वे आपको गाइड या टूरिज्‍म फैसिलिटेटर के तौर पर जॉब पर रख सकते हैं।
आईआईटीटीएम द्वारा राज्‍यों के टूरिज्‍म डिपार्टमेंट को भी पर्यटक मित्रों की लिस्‍ट भेजी जाएगी, ताकि वे आपसे सीधे संपर्क कर सकें। सरकार की योजना है कि राज्‍य के टूरिज्‍म डिपार्टमेंट्स द्वारा आपको पर्यटक मित्र के तौर पर अप्‍वाइंट कर सकती है। जिसके लिए हर माह अच्‍छी खासी रकम दी जाएगी।
पर्यटक मित्र बनने के बाद आप गाइड के तौर पर भी अपना काम शुरू कर सकते हैं। इसके लिए आपको टूरिज्‍म विभाग के पास अलग से रजिस्‍ट्रेशन कराना होगा। यह एक ऐसा काम है, जो सीजन में आपको मोटी कमाई करवा सकता है।


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