नई दिल्ली. बेरोजगारी की समस्या से निपटने के लिए सरकार लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करती है। इसके लिए सरकार तरह-तरह की योजनाएं चलाकर बिजनेस को सपोर्ट करती हैं। सरकार अलग-अलग विभागों के माध्यम से बिजनेस के लिए कई तरह की सब्सिडी स्कीम चला रही है, जिससे बिजनेस करने वालों को पैसों का सपोर्ट हो जाता है। अगर आप भी कोई बिजनेस करना चाहते हैं कि हम आपको 5 ऐसी बड़ी स्कीम की जानकारी देंगे, जिनके के माध्यम से आप 10 से लेकर 75 फीसदी तक सब्सिडी हासिल कर सकते हैं।
1. लोन के साथ लें सब्सिडी
अगर आप कोई सर्विस सेक्टर का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो सरकार आपको 10 लाख रुपए का लोन देती है और यदि आप कोई मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का बिजनेस करना चाहते हैं तो आप 25 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं। प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम के तहत सरकार आपको 15 से 35 फीसदी सब्सिडी देती है। मतलब, आप अर्बन एरिया में बिजनेस करते हैं तो आपको 15 फीसदी, रूरल एरिया में बिजनेस करते हैं तो 25 फीसदी और स्पेशल कैटेगिरी (एससी-एसटी-ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला, एक्ससर्विसमेन, हैंडीकेप्ड, नार्थ ईस्ट रीजन, हिला और बॉर्डर एरिया में रहते हैं) को 35 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है।
अगर आप कोई सर्विस सेक्टर का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो सरकार आपको 10 लाख रुपए का लोन देती है और यदि आप कोई मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का बिजनेस करना चाहते हैं तो आप 25 लाख रुपए तक का लोन ले सकते हैं। प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम के तहत सरकार आपको 15 से 35 फीसदी सब्सिडी देती है। मतलब, आप अर्बन एरिया में बिजनेस करते हैं तो आपको 15 फीसदी, रूरल एरिया में बिजनेस करते हैं तो 25 फीसदी और स्पेशल कैटेगिरी (एससी-एसटी-ओबीसी, अल्पसंख्यक, महिला, एक्ससर्विसमेन, हैंडीकेप्ड, नार्थ ईस्ट रीजन, हिला और बॉर्डर एरिया में रहते हैं) को 35 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है।
2. 40 से 60 लाख तक ले सकते हैं सब्सिडी
अगर आप ऑर्गनिक फार्मिंग बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको 60 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिल सकती है। यह सब्सिडी नाबार्ड के माध्यम से मिलती है। अगर आप बायोफर्टिलाइजर या बायोपेस्टिसाइड की यूनिट लगाना चाहते हैं तो आपको कुल प्रोजेक्ट कॉस्ट पर 25 फीसदी जो अधिकतम 40 लाख रुपए हो सकती है की सब्सिडी दी जाती है। जबकि फ्रूट एंड बेजिटेबल वेस्ट कम्पोस्ट यूनिट लगाने पर लागत का 33 फीसदी ( अधिकतम 60 लाख रुपए) सब्सिडी दी जाती है। एसबीआई को आप को लोन भी देती है। बायो फर्टिलाइजर यूनिट के लिए आपको 25 से 33 फीसदी अपना पैसा लगाना होगा, 25 फीसदी सब्सिडी मिल जाएगी और 42 से 50 फीसदी एसबीआई आपको लोन दे देगा। इसी तरह फ्रूट एंड बेजिटेबल वेस्ट कम्पोस्ट यूनिट लगाने पर 34 से 42 फीसदी तक एसबीआई लोन करता है। एसबीआई की इस स्कीम के बारे में जानने के लिए क्लिक करें -
https://www.sbi.co.in/portal/web/agriculture-banking/capital-investment-subsidy-scheme
अगर आप ऑर्गनिक फार्मिंग बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको 60 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिल सकती है। यह सब्सिडी नाबार्ड के माध्यम से मिलती है। अगर आप बायोफर्टिलाइजर या बायोपेस्टिसाइड की यूनिट लगाना चाहते हैं तो आपको कुल प्रोजेक्ट कॉस्ट पर 25 फीसदी जो अधिकतम 40 लाख रुपए हो सकती है की सब्सिडी दी जाती है। जबकि फ्रूट एंड बेजिटेबल वेस्ट कम्पोस्ट यूनिट लगाने पर लागत का 33 फीसदी ( अधिकतम 60 लाख रुपए) सब्सिडी दी जाती है। एसबीआई को आप को लोन भी देती है। बायो फर्टिलाइजर यूनिट के लिए आपको 25 से 33 फीसदी अपना पैसा लगाना होगा, 25 फीसदी सब्सिडी मिल जाएगी और 42 से 50 फीसदी एसबीआई आपको लोन दे देगा। इसी तरह फ्रूट एंड बेजिटेबल वेस्ट कम्पोस्ट यूनिट लगाने पर 34 से 42 फीसदी तक एसबीआई लोन करता है। एसबीआई की इस स्कीम के बारे में जानने के लिए क्लिक करें -
https://www.sbi.co.in/portal/web/agriculture-banking/capital-investment-subsidy-scheme
3. डेयरी फार्मिंग के लिए 25 फीसदी सब्सिडी
अगर आप दो से लेकर 10 पशुओं की डेयरी खोलकर छोटा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो नाबार्ड की ओर से आपको 25 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है। नाबार्ड की स्कीम के मुताबिक यदि 10 पशुओं, जिसमें क्रॉसब्रिड गाय या साहीवाल, रेड सिंधी, गीर, राठी आदि ग्रेड का बैल शामिल है। के साथ डेयरी खोलना चाहते हैं तो आपका इन्वेस्टमेंट 5 लाख का होगा, जिस पर आपको 1.25 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिल जाएगी, जबकि एससी-एसटी किसान को 33 फीसदी (1.67 लाख रुपए) की सब्सिडी मिल जाएगी। यदि आप केवल 2 पशुओं के साथ डेयरी फार्मिंग शुरू करते हैं तो आपको अधिकतम 25 हजार रुपए की सब्सिडी मिल जाएगी।
अगर आप दो से लेकर 10 पशुओं की डेयरी खोलकर छोटा बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो नाबार्ड की ओर से आपको 25 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है। नाबार्ड की स्कीम के मुताबिक यदि 10 पशुओं, जिसमें क्रॉसब्रिड गाय या साहीवाल, रेड सिंधी, गीर, राठी आदि ग्रेड का बैल शामिल है। के साथ डेयरी खोलना चाहते हैं तो आपका इन्वेस्टमेंट 5 लाख का होगा, जिस पर आपको 1.25 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिल जाएगी, जबकि एससी-एसटी किसान को 33 फीसदी (1.67 लाख रुपए) की सब्सिडी मिल जाएगी। यदि आप केवल 2 पशुओं के साथ डेयरी फार्मिंग शुरू करते हैं तो आपको अधिकतम 25 हजार रुपए की सब्सिडी मिल जाएगी।
4. इस बिजनेस पर मिलेगी 50 फीसदी तक सब्सिडी
अगर आप हॉर्टिकल्चर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो सरकार की ओर से आपको 50 फीसदी तक की सब्सिडी मिल सकती है। नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड द्वारा कॉमर्शियल हॉर्टिकल्चर स्कीम के तहत अगर आप पोस्ट हारवेस्ट मैनेजमेंट कम्पोनेंट एवं प्राइमरी प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करना चाहते हैं तो आपको प्रोजेक्ट कॉस्ट का 40 फीसदी यानी अधिकतम 30 लाख रुपए की सब्सिडी मिलेगी, जबकि यह प्रोजेक्ट नॉर्थ ईस्ट रीजन में लगाया जाता है तो 50 फीसदी यानी 37.50 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिलती है।
अगर आप हॉर्टिकल्चर बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो सरकार की ओर से आपको 50 फीसदी तक की सब्सिडी मिल सकती है। नेशनल हॉर्टिकल्चर बोर्ड द्वारा कॉमर्शियल हॉर्टिकल्चर स्कीम के तहत अगर आप पोस्ट हारवेस्ट मैनेजमेंट कम्पोनेंट एवं प्राइमरी प्रोसेसिंग यूनिट शुरू करना चाहते हैं तो आपको प्रोजेक्ट कॉस्ट का 40 फीसदी यानी अधिकतम 30 लाख रुपए की सब्सिडी मिलेगी, जबकि यह प्रोजेक्ट नॉर्थ ईस्ट रीजन में लगाया जाता है तो 50 फीसदी यानी 37.50 लाख रुपए तक की सब्सिडी मिलती है।
5. कोल्ड चेन खोलने पर मिलती है सब्सिडी
मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री की ओर से कोल्ड चेन सब्सिडी स्कीम चलाई जाती है। कोल्ड चेन यूनिट में मिल्क प्रोडक्ट्स, वेजिटेबल और फ्रूट को खराब होने से बचाने के लिए सुरक्षित रखा जाता है। हालांकि यह प्रोजेक्ट महंगा होता है, लेकिन कोल्ड चेन सब्सिडी स्कीम के तहत इस प्रोजेक्ट को न केवल लोन दिया जाता है, बल्कि सामान्य इलाकों में प्लांट एंड मशीनरी की कुल लागत का 50 फीसदी और नॉर्थ ईस्ट व मुश्किल भरे इलाकों में 75 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है।
मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री की ओर से कोल्ड चेन सब्सिडी स्कीम चलाई जाती है। कोल्ड चेन यूनिट में मिल्क प्रोडक्ट्स, वेजिटेबल और फ्रूट को खराब होने से बचाने के लिए सुरक्षित रखा जाता है। हालांकि यह प्रोजेक्ट महंगा होता है, लेकिन कोल्ड चेन सब्सिडी स्कीम के तहत इस प्रोजेक्ट को न केवल लोन दिया जाता है, बल्कि सामान्य इलाकों में प्लांट एंड मशीनरी की कुल लागत का 50 फीसदी और नॉर्थ ईस्ट व मुश्किल भरे इलाकों में 75 फीसदी तक सब्सिडी दी जाती है।
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