सरकार ने एमएसएमई डिपार्टमेंट में ब्यूरोक्रेट्स की बजाय टैक्नोक्रेट्स को नियुक्त करने का निर्णय लिया है
इकोनॉमी को बूस्ट देने के लिए मोदी सरकार ने माइक्रो, स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) सेक्टर पर फोकस बढ़ा दिया है। इसके लिए सरकार ने एमएसएमई डिपार्टमेंट में ब्यूरोक्रेट्स की बजाय टैक्नोक्रेट्स को नियुक्त करने का निर्णय लिया है। सरकार एमएसएमई सेक्टर के लिए अलग कैडर बनाने जा रही है, जिसे इंडियन एंटरप्राइज डेवलमेंट सर्विस (आईईडीएस) कहा जाएगा। मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई ने आईईडीएस रूल्स 2018 का ड्राफ्ट जारी कर दिया है। ड्राफ्ट के मुताबिक डिविजनल कमिश्नर (डीसी) में एडिशनल डेवलपमेंट कमिश्नर से लेकर इंवेस्टिेगटर तक आईईडीएस के अलग-अलग ग्रेड के अधिकारियों को नियुक्त किया जाएगा।
क्या है मकसद
मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार को इस बात का आभास है कि रोजगार और इकोनॉमी के लिए एमएसएमई सेकटर का ग्रो करना बेहद जरूरी है, इसलिए टैक्नीकल ऑफिसर का डेडिकेटेड कैडर बनाने का निर्णय लिया गया, जो एसएमएमई सेक्टर के मुद्दों और उनकी दिक्कतों को समझते हुए ऐसी पॉलिसी या स्कीम तैयार करेगा। इससे एमएसएमई ऑर्गनाइजेशन की कैपेसिटी और एफिशिएंसी बढ़ेगी।
617 पोस्ट होंगी क्रिएट
आईईडीएस रूल्स के ड्राफ्ट के मुताबिक इस कैडर में 617 पोस्ट क्रिएट की जाएंगी, जिनमें 6 एडिशनल डेवलपमेंट कमिश्नर, 36 डायरेक्टर, 80 ज्वाइंट डायरेक्टर, 140 डिप्टी डायरेक्टर, 180 असिस्टेंट डायरेक्टर ग्रेड वन, 155 असिस्टेंट डायरेक्टर ग्रेड टू और 20 इन्वेस्टिगेटर शामिल होंगे।
आईईडीएस रूल्स के ड्राफ्ट के मुताबिक इस कैडर में 617 पोस्ट क्रिएट की जाएंगी, जिनमें 6 एडिशनल डेवलपमेंट कमिश्नर, 36 डायरेक्टर, 80 ज्वाइंट डायरेक्टर, 140 डिप्टी डायरेक्टर, 180 असिस्टेंट डायरेक्टर ग्रेड वन, 155 असिस्टेंट डायरेक्टर ग्रेड टू और 20 इन्वेस्टिगेटर शामिल होंगे।
ये होंगी कैटेगिरी
आईईडीएस रूल्स के मुताबिक, एमएसएमई डिविजनल कमिश्नर में ऑफिसर्स की अलग-अलग कैटेगिरी होगी। इसमें मैकेनिकल इंजीनियर्स, इलेक्ट्रिकल इंजीनियर, इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर, कैमिकल इंजीनियर, मैटलार्जिकल इंजीनियर, लैदर एंड फुटवियर टैक्नोलॉजिस्ट, हौजरी टैक्नोलॉजिस्ट, फूड टैक्नोलॉजिस्ट, ग्लास एंड सैरेमिक टैक्नोलॉजिस्ट, मैटल फिनिशिंग टैक्नोलॉजिस्ट शामिल होंगे।
एजुकेशनल क्वालिफिकेशन होगी तय
अलग-अलग कैटेगिरी के लिए एजुकेशनल क्वालिफिकेशन तय की जाएगी, जैसे कि किसी भी मान्यता प्राप्त यूनिवर्सिटी या इंस्टीट्यूट से कैमिकल इंजीनियर के लिए मास्टर डिग्री इन कैमेस्ट्रिी इंडस्ट्रियल कैमेस्ट्री या डिग्री इन कैमिकल टैक या कैमिकल इंजीनियरिंग, इसी तरह दूसरी कैटेगिरी के लिए भी आवश्यक क्वालिफिकेशन तय की जाएगी, ताकि पेशेवर लोगों को ही मिनिस्ट्री में जगह मिल सके।
30 होगी अधिकतम उम्र
भर्ती की प्रक्रिया यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) द्वारा की जाएगी। अधिकतम 30 साल के युवा ही इन पोस्टों के लिए अप्लाई कर सकेंगे। हालांकि सरकारी कर्मचारी के लिए 5 साल की छूट दी जाएगी। इसके बाद अभ्यार्थी को यूपीएससी की पूरी प्रक्रिया का सामना करना पड़ेगा।
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