पपना मनी चांदना कभी दिहाड़ी पर काम किया करती थी, लेकिन अपना काम शुरू करने की ललक के चलते उन्होंने लोन लिया और देखते ही देखते अपनी यूनिट खड़ी कर दी। अब वह न केवल सालाना लगभग 7 लाख रुपए कमा रही हैं, बल्कि वह आठ महिलाओं को रोजगार भी दे रही हैं। आंध्रप्रदेश के गुंटुर जिले की चांदना ने प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम (PMEGP) के तहत 12 लाख रुपए का लोन लेकर इंसटेंट चपाती व पूड़ी मेकिंग यूनिट शुरू की। तीन साल के इस दौर में वह अब महिलाओं के लिए मिसाल बन गई हैं। बल्कि, केंद्र सरकार भी उनकी मिसाल देकर लोगों को PMEGP से लोन लेकर स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही है।
मिनिस्ट्री ने किया ट्विट
मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज की ओर से शनिवार को एक ट्वीट किया गया, जिसमें चांदना की स्टोरी के बारे में बताया गया है। साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि वे भी PMEGP से लोन ले सकते हैं।
मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज की ओर से शनिवार को एक ट्वीट किया गया, जिसमें चांदना की स्टोरी के बारे में बताया गया है। साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि वे भी PMEGP से लोन ले सकते हैं।
लोन के साथ ली ट्रेनिंग
चांदना ने moneybhaskar.com को बताया कि वह घर का खर्च चलाने के लिए अपने ही कस्बे में डेली वर्कर के तौर पर काम करती है। वहीं, उसे पता चला कि सरकार की ओर से बिजनेस के लिए लोन मिल रहा है तो वह अपने पति पपना नरसिम्हाराव के साथ जिला उद्योग केंद्र पहुंची और लोन के लिए अप्लाई कर दिया। कुछ लोगों की सलाह पर उसने इंसटेंट फूड मेकिंग यूनिट के बारे में जाना। उद्योग केंद्र ने पूरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने में मदद की और वहीं उसे इंसटेंट फूड मेकिंग यूनिट चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई और आखिरकार उसे 12 लाख रुपए का लोन मिला और उसने अपनी यूनिट लगा ली।
चांदना ने moneybhaskar.com को बताया कि वह घर का खर्च चलाने के लिए अपने ही कस्बे में डेली वर्कर के तौर पर काम करती है। वहीं, उसे पता चला कि सरकार की ओर से बिजनेस के लिए लोन मिल रहा है तो वह अपने पति पपना नरसिम्हाराव के साथ जिला उद्योग केंद्र पहुंची और लोन के लिए अप्लाई कर दिया। कुछ लोगों की सलाह पर उसने इंसटेंट फूड मेकिंग यूनिट के बारे में जाना। उद्योग केंद्र ने पूरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाने में मदद की और वहीं उसे इंसटेंट फूड मेकिंग यूनिट चलाने की ट्रेनिंग भी दी गई और आखिरकार उसे 12 लाख रुपए का लोन मिला और उसने अपनी यूनिट लगा ली।
60 हजार रु. बचा लेती हैं चांदना
चांदना ने बताया कि पहले साल तक दिक्कतें हुई। चपाती बन तो जाती थी, लेकिन कस्टमर नहीं थे। कुछ समय बीतने के बाद कस्टमर बन गए और अब तीन साल बाद सबकुछ ठीक हो गया है। चांदना के मुताबिक, अभी उनकी यूनिट में आठ महिलाएं काम कर रही हैं। उनकी तनख्वाह और बाकी खर्च निकालने के बाद उन्हें 50 से 60 हजार रुपए बच जाते हैं।
चांदना ने बताया कि पहले साल तक दिक्कतें हुई। चपाती बन तो जाती थी, लेकिन कस्टमर नहीं थे। कुछ समय बीतने के बाद कस्टमर बन गए और अब तीन साल बाद सबकुछ ठीक हो गया है। चांदना के मुताबिक, अभी उनकी यूनिट में आठ महिलाएं काम कर रही हैं। उनकी तनख्वाह और बाकी खर्च निकालने के बाद उन्हें 50 से 60 हजार रुपए बच जाते हैं।
आप भी ले सकते हैं 25 लाख तक का लोन
पीएमईजीपी को पहले प्रधानमंत्री रोजगार योजना भी कहा जाता था। इस स्कीम की शुरुआत साल 2008-09 में हुई थी। इस स्कीम का मकसद सेल्फ इम्प्लॉयमेंट को बढ़ाना है। इस स्कीम के तहत 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति सर्विस सेक्टर में 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 10 लाख रुपए से 25 लाख रुपए तक का प्रोजेक्ट लगाने के लिए सरकार से लोन ले सकता है। इस स्कीम के तहत 90 फीसदी तक लोन दिया जाता है, जबकि रूरल एरिया में प्रोजेक्ट कॉस्ट का 25 फीसदी और अर्बन एरिया में 15 फीसदी सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है।
पीएमईजीपी को पहले प्रधानमंत्री रोजगार योजना भी कहा जाता था। इस स्कीम की शुरुआत साल 2008-09 में हुई थी। इस स्कीम का मकसद सेल्फ इम्प्लॉयमेंट को बढ़ाना है। इस स्कीम के तहत 18 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति सर्विस सेक्टर में 5 लाख रुपए से 10 लाख रुपए तक और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 10 लाख रुपए से 25 लाख रुपए तक का प्रोजेक्ट लगाने के लिए सरकार से लोन ले सकता है। इस स्कीम के तहत 90 फीसदी तक लोन दिया जाता है, जबकि रूरल एरिया में प्रोजेक्ट कॉस्ट का 25 फीसदी और अर्बन एरिया में 15 फीसदी सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाती है।
आगे पढ़ें : कैसे करें अप्लाई कैसे करें अप्लाई
अगर आप PMEGP के तहत लोन लेना चाहते हैं तो आप इस लिंक पर https://kviconline.gov.in/pmegpeportal/jsp/pmegponline.jsp ऑनलाइन अप्लाई भी कर सकते हैं। इसके लिए आपके पास आधार नंबर होना जरूरी है। इस आधार नंबर के आधार पर आप अप्लाई कर सकते हैं। आपको बताना होगा कि आप जिला उद्योग केंद्र या खादी बोर्ड के माध्यम से लोन लेना चाहते हैं। आपको यह भी बताना होगा कि आप किस बैंक से लोन लेना चाहते हैं। हालांकि यह जरूरी नहीं कि आपकी अप्लीकेशन उसी बैंक के पास जाए। आपको पैन कार्ड की भी डिटेल देनी होगी।
आगे पढ़ें : प्रोजेक्ट रिपोर्ट करें तैयार
आप जिस बिजनेस के लिए लोन लेना चाहते हैं। उसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट बना कर अप्लीकेशन के साथ सबमिट करनी होगी। यदि आपको प्रोजेक्ट रिपोर्ट के बारे में जानकारी नहीं है तो आप https://kviconline.gov.in/pmegpeportal/pmegphome/index.jsp वेबसाइट की मदद ले सकते हैं। यह पेज खुलने के बाद आपके लेफ्ट हैंड पर डाउनलोड मॉडल प्रोजेक्ट का ऑप्शन आएगा, जहां आप मॉडल रिपोर्ट देख कर अपने बिजनेस के हिसाब से प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर सकते हैं।
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