फिस्मे ने उठाया मुद्दा
मंगलवार को एमएसएमई मिनिस्टर गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में हुई नेशनल बोर्ड फॉर एमएसएमई की मीटिंग में फेडरेशन ऑफ इंडियन स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (फिस्मे) ने यह मुद्दा उठाया। फिस्मे के जनरल सेक्रेट्री अनिल भारद्वाज ने moneybhaskar.com को बताया कि सीएससीएसएस को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इसके लिए अप्लीकेशन नहीं ली जा रही हैं। बैठक में इस मुद्दे को उठा कर यह जानने की कोशिश की गई कि आखिर इस स्कीम को लेकर सरकार का क्या रूख है। एमएसएमई अधिकारियों ने कहा कि स्कीम शुरू की जाएगी, लेकिन कब शुरू होगी, इस बारे में ठोस जानकारी नहीं दी गई ।
मंगलवार को एमएसएमई मिनिस्टर गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में हुई नेशनल बोर्ड फॉर एमएसएमई की मीटिंग में फेडरेशन ऑफ इंडियन स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (फिस्मे) ने यह मुद्दा उठाया। फिस्मे के जनरल सेक्रेट्री अनिल भारद्वाज ने moneybhaskar.com को बताया कि सीएससीएसएस को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इसके लिए अप्लीकेशन नहीं ली जा रही हैं। बैठक में इस मुद्दे को उठा कर यह जानने की कोशिश की गई कि आखिर इस स्कीम को लेकर सरकार का क्या रूख है। एमएसएमई अधिकारियों ने कहा कि स्कीम शुरू की जाएगी, लेकिन कब शुरू होगी, इस बारे में ठोस जानकारी नहीं दी गई ।
क्या थी स्कीम?
केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) ने 2000-01 में क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम फॉर टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन शुरू की थी। इस स्कीम के तहत एमएसएमई को 1 करोड़ रुपए तक का लोन लेने पर 15 फीसदी (15 लाख रुपए) की सब्सिडी दी जाती है। यह लोन उन करोबारियों को दिया जाता था जो अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करते थे। इस स्कीम का फायदा पहले से आईडेंटिफाई 51 प्रोडक्ट्स और सब-सेक्टर्स को दिया जा रहा था।
केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) ने 2000-01 में क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम फॉर टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन शुरू की थी। इस स्कीम के तहत एमएसएमई को 1 करोड़ रुपए तक का लोन लेने पर 15 फीसदी (15 लाख रुपए) की सब्सिडी दी जाती है। यह लोन उन करोबारियों को दिया जाता था जो अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करते थे। इस स्कीम का फायदा पहले से आईडेंटिफाई 51 प्रोडक्ट्स और सब-सेक्टर्स को दिया जा रहा था।
क्यों बंद हुई स्कीम?
इस बारे में http://moneybhaskar.com ने एक दिसंबर में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें कहा गया था कि बैंकों का मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई पर करीब 1300 करोड़ रुपए बकाया हो चुका है। ऐसे में, जब पूरी मिनिस्ट्री का बजट ही 3 से 4000 करोड़ रुपए के बीच होता है तो मिनिस्ट्री इतना पैसा कहां से दे, इस वजह से यह स्कीम बंद चल रही है।
इस बारे में http://moneybhaskar.com ने एक दिसंबर में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसमें कहा गया था कि बैंकों का मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई पर करीब 1300 करोड़ रुपए बकाया हो चुका है। ऐसे में, जब पूरी मिनिस्ट्री का बजट ही 3 से 4000 करोड़ रुपए के बीच होता है तो मिनिस्ट्री इतना पैसा कहां से दे, इस वजह से यह स्कीम बंद चल रही है।
आगे पढ़ें : क्या होता था फायदा?
क्या होता था फायदा?
छोटे कारोबारियों का कहना है कि यह स्कीम बेहद फायदेमंद थी। जो कारोबारी अपने प्रोडक्ट्स या सर्विस को अपग्रेड करने के लिए टेक्नोलॉजी पर इन्वेस्टमेंट करता था। वह अगर लोन लेता था तो उसे 15 फीसदी तक सब्सिडी मिल जाती थी।
987 करोड़ सब्सिडी रिलीज
मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई के एनुअल रिपोर्ट 2016-17 के मुताबिक, क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम के तहत 2014 से 2016 (31 दिसंबर 2016 तक) के दौरान 15 हजार 684 कारोबारियों को 987.72 करोड़ रुपए की सब्सिडी रिलीज की गई।
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