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Friday, 13 July 2018

success story of Niki.ai backed by ratan tata whome clocks 430 pc revenue growth in FY18 | 4 दोस्‍तों पर रतन टाटा ने लगाया दांव, ड्रीम जॉब छोड़कर शुरू की कंपनी

success story of Niki.ai backed by ratan tata whome clocks 430 pc revenue growth in FY18 | 4 दोस्‍तों पर रतन टाटा ने लगाया दांव, ड्रीम जॉब छोड़कर शुरू की कंपनी









निकी डॉट एआई (Niki.ai) एक ऐसा ऑनलाइन प्‍लेटफॉर्म है, जिसे 4 दोस्‍तों ने अपनी ड्रीम जॉब छोड़कर शुरू किया था। आज उनकी कंपनी पर रतन टाटा भी पैसा लगा रहे हैं। यह कहानी नितिन बाबेल (28), सचिन जायसवाल (30), शिशिर मोदी (29) और केशव प्रवासी (28) की है। कभी IIT कानपुर में पढ़ने वाले इन 4 दोस्‍तों ने 2015 में Niki.ai की शरुआत उदयपुर में एक कमरे से की थी। आज कंपनी को भविष्‍य की बड़ी कंपनी के रूप में देखा जा रहा है। कंपनी ने फाइनेंशियल ईयर 2018 के पहले क्‍वार्टर में रेनेव्‍यू में 430 फीसदी की रिकॉर्ड ग्रोथ दर्ज की है।

आखिर क्‍या करती है निकी? 
सामान्‍य भाषा में कहें तो निकी एक चैटबोट है। यह एक वर्चुअल शॉपकीपर के तौर पर काम करती है। आप इशारा करिए और इसका आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आपके लिए खरीददारी करने के अलावा कैब बुक करने तथा खाना ऑर्डर करने जैसे सारे काम कर देगा। मतलब आप आदेश दीजिए और निक्‍की आपके लिए काम करेगा। निकी के फाउंडर सचिन जायसवाल के मुताबिक, मौजूदा समय में आप इसकी मदद से होटल, कैब, मूवी टिकट बुक करने के अलावा बिल पे और खाना ऑर्डर करने जैसी चीजों को अंजाम दे सकते हैं। 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से करता है काम 
निकी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्‍लेटफॉर्म है। यह आपकी वाइस कमांड के आधार पर काम करता है। जैसे अमेजन शीरी या गूगल असिस्‍टेंट को आप कमांड देते हैं, ठीक उसी तर्ज पर आपको इसे भी कमांड देनी होती है। फोर्ब्‍स मैगजीन को दिए इंटरव्‍यू में कंपनी के सीईओ और फाउंडर सचिन जायसवाल ने बताया कि निकी के कस्‍टमर्स को अलग-अलग एप जैसे ओला, उबर, बुक माई शो, रेड बेस या पेटिएम को डाउनलोड करने की जरूरत नहीं पड़ती है। निकी में ये सभी एप इम्‍बेडेड हैं। बस आप निकी से कहें और आपका काम हो जाएगा। 

आप कहिए- निकी मेरे लिए सस्‍ती कैब बुक करो और निकी बुक कर देगी 
सचिन के मुताबिक, निकी एक खास एल्‍गोरिदम पर काम करती है। निकी से आप जैसे ही बोलेंगे कि वह आपके लिए सस्‍ती कैब बुक करे तो इसका एल्‍गोरिदम उस वक्‍त सभी टैक्‍सी ऑपरेटर्स की प्राइस को एनॉलाइज करेगा और अगले कुछ सेकंड में आपके लिए सबसे सस्‍ती कैब बुक कर देगा। 

कैसे कमाई करती है कंपनी ?
सचिन के मुताबिक, निकी अब तक करीब 50 से ज्‍यादा सर्विस और प्रोडक्‍ट कंपनियों से टाईअप कर चुकी है। आप निकी के प्‍लेटफॉर्म से किसी सर्विस, प्रोडक्‍ट या ट्रांजेक्‍शन का जो भी ऑर्डर देते हैं। कंपनी इसके बदले निकी को कमीशन देती है। कंपनी को उम्‍मीद है कि वित्‍त वर्ष 2019 में कंपनी की ग्रॉस मर्चेंटाइज वैल्‍यू (GMV) 120 मिलियन (12 करोड़) डॉलर हो जाएगी।  

रतन टाटा भी लगा चुके हैं पैसा 
निकी की शुरुआत 2015 में सीड फंडिंग के जरिए ही हुई थी। पहली बार कंपनी तब ज्‍यादा चर्चा में आई जब टाटा सन्‍स के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा ने इसमें अपना पैसा लगाया। निक्‍की में फं‍डिंग करने वालों में एक और बड़ा नाम रोनी स्‍क्रूवाला का भी है। 

ड्रीम जॉब छोड़कर शुरू की कंपनी 
निक्‍की की शुरुआत करने से पहले इसके चारों फाउंडर बड़ी आईटी कंपनियों में काम कर रहे थे। कंपनी के सीईओ सचिन जायसवाल ओरेकल इंडिया के लिए काम करते थे। वहीं अन्‍य फाउंडर रिसर्च फर्म Ipsos में एनॉलिस्‍ट के तौर पर अपनी सेवाएं दे रहे थे। वहीं शिशिर मोदी इंडिया हेड्स डॉटकॉम में स्‍ट्रैटेजिक इनिशिएटिव्‍स से जुड़े हेड थे। 




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