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20% प्लास्टिक मिक्स करके 34 % कम हो जाएगी पेपर बैग की कीमत
प्लास्टिक पर बैन लगने के बाद जहां इससे जुड़ी इंडस्ट्रीज की चिंता बढ़ गई है, वहीं पेपर बैग बनाने वाले कारोबारियों की आमदनी बढ़ने के आसार है। ऐसे समय में, सरकार ने कहा है कि यदि पेपर बैग बनाते वक्त प्लास्टिक कचरे का भी इस्तेमाल किया जाए तो पेपर बैग की कीमत कम हो जाएगी, वहीं पेपर बैग मजबूत भी बनेगा। ऐसे ही बैग कुमारप्पा हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट ने तैयार किए हैं, जिन्हें खादी एवं विलेज इंडस्ट्री कमीशन के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने लॉन्च किया।
20 फीसदी प्लास्टिक मिक्स
सक्सेना ने कहा कि 2 अगस्त को वह कुमारप्पा हैंडमेड पेपर इंस्टीट्यूट (KNHPI), जयपुर गए थे। जयपुर में पॉलिथीन वेस्ट को देख कर उन्हें आइडिया आया कि क्यों न इस वेस्ट का इस्तेमाल हैंड मेड पेपर में किया जाए। उन्होंने इस बारे में KNHPI के वैज्ञानिकों से बात की और कहा कि गारबेज से प्लास्टिक वेस्ट को इकट्ठा करवाया जाए और लगभग 20 फीसदी वेस्ट को क्लीनिंग व प्रोसेसिंग करने के बाद पेपर पल्प में मिक्स करके पेपर तैयार करने की संभावना तलाशी जाए। उन्होंने कहा कि यह प्रयोग सफल रहा और अब पेपर इंडस्ट्री को 20 फीसदी प्लास्टिक वेस्ट मिक्स करने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
कितना होगा फायदा
अब तक वाइट कॉटन रेग्स से होम मेड पेपर बनाया जाता है, जिसकी कीमत 100 रुपये प्रति किलोग्राम है। यदि इसमें पॉलिथीन वेस्ट मिलाया जाता है तो इसकी कीमत 66 रुपए प्रति किग्रा तक पहुंच जाएगी, यानी कि 34 फीसदी कम। इस होम मेड पेपर से तैयार कैरी बैग की कीमत 15.50 प्रति बैग आती है और एक लाख कैरी बैग बनाने के लिए लगभग 10 मीट्रिक टन पल्प की जरूरत पड़ती है, लेकिन यदि इसमें पॉलिथीन वेस्ट मिलाया जाता है तो 12.10 प्रति बैग की लागत आ रही है और एक लाख कैरी बैग बनाने के लिए लगभग 2 मीट्रिक टन पॉलिथीन वेस्ट की खपत हो जाएगी। इससे जहां प्लास्टिक वेस्ट की समस्या काफी कम हो जाएगी, वहीं पेपर बैग की कीमत भी लागत कम हो जाएगी।
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