कैसे बनाएं अपना ब्लॉग? - भाग 4
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अभी तक हमने ब्लॉग बनाने के 'ब्लॉगर' तथा 'वर्ड प्रेस' तकनीक को जानने की कोशिश की, अब आगे ब्लॉग अथवा वेबसाइट में प्रयोग होने वाले कुछ तकनीकी शब्दों के बारे में जान लेते हैं।
डोमेन नेम (Domain Name):
यह किसी वेबसाइट अथवा ब्लॉग के पते के लिए प्रयोग होता है। अगर तकनीकी भाषा में बात करें तो डोमेन नेम किसी एक अथवा एक से अधिक IP Address का प्रतिनिधित्व करता है, अर्थात जब हम किसी वेबसाइट अथवा ब्लॉग को खोलने के लिए उसका पता ब्राउज़र में लिखते हैं तो हम उससे जुड़े IP Address तक पहुंच जाते हैं और वहां मौजूद वेब प्रष्ट हमारे कंप्यूटर में खुल जाता है। इन्टरनेट डोमेन नेम की जगह IP Address के आधार पर कार्य करता है इसलिए डोमेन नेम को IP Address में बदलने के लिए हर वेब सर्वर पर एक DNS (Domain Name System) की आवश्यकता होती है।
डोमेन नेम URL के साथ प्रयोग होता है, उदहारण के लिए URL http://www.example.com में example.com एक डोमेन नेम है। हर डोमेन नेम में एक प्रत्यय (suffix) होता है, जो इंगित करता है कि यह किस TLD (Top Level Domain) से सम्बंधित है। TLD को हम निम्नलिखित उदहारण से समझ सकते हैं:
com - वाणिज्यिक कारोबार (सबसे अधिक प्रचलित)
net - नेटवर्क संगठनों
gov - सरकार एजेंसियों
edu - शैक्षिक संस्थानों
org - संगठन (nonprofit)
mil - सैन्य
mobi - मोबाइल
in - भारत
th - थाईलैंड
वेब प्रष्ट होस्टिंग (Hosting):
वेब होस्टिंग उस सेवा को कहते हैं जिसके अंतर्गत किसी वेब प्रष्ट को संचित (Save) करने के लिए जगह (Space) का आवंटन होता है। वेब प्रष्टों को ऐसे कंप्यूटर सर्वर में संचित किया जाता है जो कि 24 घंटे इन्टरनेट से जुड़े होते हैं, जिससे की कोई भी वेबसाइट 24 घंटे प्रदर्शित होती रहे।
सर्वर बहुत ताकतवर कंप्यूटर होते हैं, इनकी हार्ड ड्राइव बहुत अधिक जगह (space) वाली होती हैं। यह जगह (space) उन्हें किराए पर दी जाती है जो अपनी वेबसाइट को इन्टरनेट पर दिखाना चाहते हैं। हर एक सर्वर की एक अलग सांख्यिक संख्या (IP Address) होती है।
जैसा की हमने पहले भी बताया था की ब्लॉग के लिए कुछ कम्पनियाँ मुफ्त में सुविधाएं उपलब्ध कराती हैं, जिसमें blogger.com तथा Wordpress.com प्रमुख हैं। इनकी सुविधाएं लेने के लिए आपको डोमेन नेम अथवा होस्टिंग पैकेज खरीदने की आवश्यकता नहीं है।
Tag:
टेग अथवा कीवर्ड (Keyword) को विषय की संक्षिप्त व्याख्या के रूप में प्रयोग किया हैं, यह वह शब्द होते हैं जिनके द्वारा पाठक सर्च इंजन के द्वारा ब्लॉग अथवा वेबसाईट पर पहुँचते हैं। अगर पोस्ट के विषय से सम्बंधित कुछ शब्द पोस्ट के विषय में लिखने से छूट गए हैं तो उन्हें टेग में लिखा जा सकता है। लेकिन अगर वह शब्द पोस्ट के विषय में मौजूद है तो उन्हें टेग के रूप में नहीं लिखना चाहिए, क्योंकि इससे कोई फायदा नहीं होगा। टेग में इंग्लिश के शब्दों का प्रयोग भी एक अच्छा तरीका हो सकता है, क्योंकि सर्च इंजन पर अक्सर पाठक इंग्लिश के शब्दों के द्वारा विषय सामग्री को ढूंढते हैं।
ब्लॉग संकलक:
ब्लॉग संकलक जिसे फीड रीडर, न्यूज़ रीडर या एग्रीगेटर कहा जाता है, सामान्यत: ऐसी वेबसाईट होती हैं जहाँ विभिन्न ब्लॉग्स का संकलन किया जाता है। इसके साथ-साथ एग्रीगेटर एक डेस्कटॉप कम्प्यूटर भी हो सकता है। सर्च इंजन के साथ-साथ पाठक ब्लॉग संकलक के द्वारा भी ब्लॉग-पोस्ट को पढ़ते हैं। ब्लॉग संकलक फीड के द्वारा ब्लॉग-पोस्ट को अपने प्रष्ट में प्रकाशित करते हैं, ब्लॉग पोस्ट को टेग के द्वारा श्रेणीबद्ध भी किया जा सकता है। जहाँ सर्च इंजन से पुरानी पोस्ट ही अधिक पढ़ी जाती है वहीँ ब्लॉग संकलकों के माध्यम से ताज़ा पोस्ट तक पाठक आसानी से पहुँच जाते हैं।
वेब फीड:
वेब फ़ीड (Web Feed) या समाचार फ़ीड एक डेटा प्रारूप होता है जिसके द्वारा पाठकों / उपयोगकर्ताओं के लिए ब्लॉग की अद्यतित सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। वेब फीड को सामान्यत: आर.एस.एस (RSS) अथवा एटम (ATOM) के रूप में जाना जाता है।
[नोट: टिप्पणियों का विकल्प पोस्ट के विषय से सम्बंधित विचार-विमर्श के लिए ही खुला हुआ है, विषय से अलग टिप्पणियों को आप मेरे ईमेल-पते shnawaz(at)gmail.com पर भेज सकते हैं]
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9 comments:
कृपया लेखमाला जारी रखें ..
शुभकामनाएँ और आभार !
आभार।
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