IIT Delhi new program startup | IIT दिल्ली से साझा करें आपना कारोबारी आइडिया, मिलेंगे 50 लाख रुपए और तकनीकी मदद, जानिए पूरा प्रोग्राम
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Wednesday, 10 April 2019
Tuesday, 9 April 2019
You can open online shop in just 50 rupees on shopmatic platform | मात्र 50 रुपए में खोलिए अपनी ऑनलाइन दुकान, एक साल तक बिना खर्च कीजिए कमाई
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भारत में ई-कॉमर्स परिदृश्य को बदलने वाली अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनी शॉपमैटिक एसएमई और इच्छुक उद्यमियों के लिए अपना प्लेटफॉर्म केवल 50 रुपए में एक साल के लिए उपलब्ध करा रही है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए ग्राहक अपना ऑनलाइन स्टोर स्थापित कर सकते हैं। ग्राहक ऑनलाइन स्टोर को प्रबंधित करने के लिए शॉपमैटिक प्लेटफॉर्म की पावर-पैक सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं और सफल बिक्री करने पर उन्हें केवल 3 फीसद शुल्क का भुगतान करना है। शॉपमैटिक यह स्वीकार करता है कि ई-कॉमर्स से अवसरों का लाभ उठाने के लिएए एसएमई और इच्छुक उद्यमियों के पास ज्यादा निवेश या प्रतिबद्ध शुल्क के बोझ के बिना एक व्यापक प्लेटफार्म का उपयोग करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए और इसलिए उसने इस बेहतरीन पेशकश को लॉन्च किया है।
एक साल में 5 लाख ग्राहक जोड़ने का लक्ष्य
शॉपमैटिक के सह-संस्थापक और सीईओए अनुराग अवुला ने कहा कि शॉपमैटिक ने हमेशा ही अपने ग्राहकों के लिए एक सफल ईकॉमर्स व्यवसाय को सक्षम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह लॉन्च अपने ग्राहकों के प्रति शॉपमैटिक की प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि हम नई क्षमताओं में निवेश करना जारी रखेंगे और अपने ई-कॉमर्स यात्रा में अपने ग्राहकों का समर्थन करेंगे। हमने मूल्य और डिवाइस एक्सेसिबिलिटी की बाधाओं को दूर करके ऑनलाइन बिक्री के इच्छुक लोगों के लिए बाधाओं को समाप्त कर दिया है। देश में स्मार्टफोन की पहुंच का लाभ उठाकर और हमारे मूल्य निर्धारण में सुविधाएं देकर, हम अगले 12 महीनों में 500,000 ग्राहकों को ईकॉमर्स इकोसिस्टम में लाने का इरादा रखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में ई-कॉमर्स के तेजी से बढ़ते क्षेत्र होने के बावजूद सभी एसएमबीए शौकीनों, शिल्पकारों, कारीगरों और व्यवसायों ने काफी ज्यादा निवेश होने की वजह से ई-कॉमर्स मार्ग को नहीं अपनाया है और इसकी वजह यह धारणा भी है कि ई-कॉमर्स व्यवसाय स्थापित करना मुश्किल है। इसके अलावा, व्यवसाय इस बात पर भी अनिश्चित है कि क्या वे वेबसाइट डेवलपर्स या ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म प्रदाताओं को महत्वपूर्ण शुल्क देने के बाद भी सफल होंगे?
अवुला ने कहा कि शॉपमैटिक इस लॉन्च के साथ इन परेशानियों को दूर करता है। शॉपमैटिक के साथ ऑनलाइन जाना अब मुश्किल नहीं है, क्योंकि व्यवसायी शॉपमैटिक ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं या शॉपमैटिक खाते के लिए कंप्यूटर, टैबलेट या अपनी सुविधा अनुसार किसी भी डिवाइस से साइन अप कर सकते हैं और मिनटों में एक ईकॉमर्स स्टोर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, शॉपमैटिक की मूल्य निर्धारण योजनाएं अब ग्राहकों की सफलता से जुड़ी हैं। व्यापारियों को एक सफल बिक्री पर केवल 3 फीसद लेनदेन शुल्क और 12 महीने के अंत में होस्ट की फीस 50 रुपए देना है।
अवुला ने कहा कि शॉपमैटिक ने उपयोग में आसानए पावर-पैक टूल और कार्यक्षमता प्रदान करके एक संपन्न ऑनलाइन व्यवसाय स्थापित करने में 50,000 से अधिक विक्रेताओं की मदद की है। इस नवीनतम गेम-चेंजिंग पहल के साथ, शॉपमैटिक का उद्देश्य प्रत्येक भारतीय व्यवसायी को अपनी ई-कॉमर्स क्षमता को अनलॉक करने में सक्षम बनाना है। उन्होंने कहा कि हर सफल लेन-देन पर केवल केवल 3 फीसद लेनदेन शुल्क और 50 रुपए के वार्षिक होस्टिंग शुल्क के साथ ऑनलाइन उद्यमियों के पास ऑनलाइन बेचने के लिए पूरा इकोसिस्टम होगा।
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भारत में ई-कॉमर्स परिदृश्य को बदलने वाली अंतरराष्ट्रीय ई-कॉमर्स कंपनी शॉपमैटिक एसएमई और इच्छुक उद्यमियों के लिए अपना प्लेटफॉर्म केवल 50 रुपए में एक साल के लिए उपलब्ध करा रही है। इस प्लेटफॉर्म के जरिए ग्राहक अपना ऑनलाइन स्टोर स्थापित कर सकते हैं। ग्राहक ऑनलाइन स्टोर को प्रबंधित करने के लिए शॉपमैटिक प्लेटफॉर्म की पावर-पैक सुविधाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं और सफल बिक्री करने पर उन्हें केवल 3 फीसद शुल्क का भुगतान करना है। शॉपमैटिक यह स्वीकार करता है कि ई-कॉमर्स से अवसरों का लाभ उठाने के लिएए एसएमई और इच्छुक उद्यमियों के पास ज्यादा निवेश या प्रतिबद्ध शुल्क के बोझ के बिना एक व्यापक प्लेटफार्म का उपयोग करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए और इसलिए उसने इस बेहतरीन पेशकश को लॉन्च किया है।
एक साल में 5 लाख ग्राहक जोड़ने का लक्ष्य
शॉपमैटिक के सह-संस्थापक और सीईओए अनुराग अवुला ने कहा कि शॉपमैटिक ने हमेशा ही अपने ग्राहकों के लिए एक सफल ईकॉमर्स व्यवसाय को सक्षम करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह लॉन्च अपने ग्राहकों के प्रति शॉपमैटिक की प्रतिबद्धता की फिर से पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि हम नई क्षमताओं में निवेश करना जारी रखेंगे और अपने ई-कॉमर्स यात्रा में अपने ग्राहकों का समर्थन करेंगे। हमने मूल्य और डिवाइस एक्सेसिबिलिटी की बाधाओं को दूर करके ऑनलाइन बिक्री के इच्छुक लोगों के लिए बाधाओं को समाप्त कर दिया है। देश में स्मार्टफोन की पहुंच का लाभ उठाकर और हमारे मूल्य निर्धारण में सुविधाएं देकर, हम अगले 12 महीनों में 500,000 ग्राहकों को ईकॉमर्स इकोसिस्टम में लाने का इरादा रखते हैं। उन्होंने कहा कि भारत में ई-कॉमर्स के तेजी से बढ़ते क्षेत्र होने के बावजूद सभी एसएमबीए शौकीनों, शिल्पकारों, कारीगरों और व्यवसायों ने काफी ज्यादा निवेश होने की वजह से ई-कॉमर्स मार्ग को नहीं अपनाया है और इसकी वजह यह धारणा भी है कि ई-कॉमर्स व्यवसाय स्थापित करना मुश्किल है। इसके अलावा, व्यवसाय इस बात पर भी अनिश्चित है कि क्या वे वेबसाइट डेवलपर्स या ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म प्रदाताओं को महत्वपूर्ण शुल्क देने के बाद भी सफल होंगे?
मिनटों में बना सकते हैं ई-कॉमर्स स्टोर
अवुला ने कहा कि शॉपमैटिक इस लॉन्च के साथ इन परेशानियों को दूर करता है। शॉपमैटिक के साथ ऑनलाइन जाना अब मुश्किल नहीं है, क्योंकि व्यवसायी शॉपमैटिक ऐप को डाउनलोड कर सकते हैं या शॉपमैटिक खाते के लिए कंप्यूटर, टैबलेट या अपनी सुविधा अनुसार किसी भी डिवाइस से साइन अप कर सकते हैं और मिनटों में एक ईकॉमर्स स्टोर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, शॉपमैटिक की मूल्य निर्धारण योजनाएं अब ग्राहकों की सफलता से जुड़ी हैं। व्यापारियों को एक सफल बिक्री पर केवल 3 फीसद लेनदेन शुल्क और 12 महीने के अंत में होस्ट की फीस 50 रुपए देना है।
अब तक 50 हजार विक्रेताओं की मदद
अवुला ने कहा कि शॉपमैटिक ने उपयोग में आसानए पावर-पैक टूल और कार्यक्षमता प्रदान करके एक संपन्न ऑनलाइन व्यवसाय स्थापित करने में 50,000 से अधिक विक्रेताओं की मदद की है। इस नवीनतम गेम-चेंजिंग पहल के साथ, शॉपमैटिक का उद्देश्य प्रत्येक भारतीय व्यवसायी को अपनी ई-कॉमर्स क्षमता को अनलॉक करने में सक्षम बनाना है। उन्होंने कहा कि हर सफल लेन-देन पर केवल केवल 3 फीसद लेनदेन शुल्क और 50 रुपए के वार्षिक होस्टिंग शुल्क के साथ ऑनलाइन उद्यमियों के पास ऑनलाइन बेचने के लिए पूरा इकोसिस्टम होगा।
Opportunities to earn3 lakhs rupees in 3 months | इस बिजनेस में मात्र 15 हजार रुपए लगाकर 3 महीने में कमा सकता हैं लाखों रुपए, आपके पास भी है मौका
Opportunities to earn3 lakhs rupees in 3 months | इस बिजनेस में मात्र 15 हजार रुपए लगाकर 3 महीने में कमा सकता हैं लाखों रुपए, आपके पास भी है मौका
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बाजार में नैचुरल प्रोडक्ट की मांग हमेशा रहती है। अधिकतर लोग कैमिकल युक्त प्रोडक्ट्स की बजाय प्राकृतिक प्रोडक्ट्स ही अपनाते हैं। नैचुरल प्रोडक्ट्स हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं और ना ही इनके कोई साइट इफेक्ट होते हैं। ऐसे में अगर इसे बिजनेस के नजरिए से देखा जाए तो? अगर आपके पास ज्यादा पैसे नहीं हैं लेकिन आप फिर भी बिजनेस करना चाहते हैं तो मेडिसिनल प्लांट की खेती आपके लिए काफी अच्छी साबित हो सकती है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको बहुत अधिक पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। और ना ही इसके लिए आपको लंबे-चौड़े फार्म की जरूरत है। इसे आप कॉन्ट्रैक्ट पर भी ले सकते हैं।
आजकल कई कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर औषधियों की खेती करा रही है। इनकी खेती शुरू करने के लिए आपको कुछ हजार रुपए ही खर्च करने की जरूरत है, लेकिन कमाई लाखों में होती है। अधिकतर हर्बल प्लांट्स ऐसे होतो हैं जो कि कम समय में ही तैयार हो जाते हैं जिनमें तुलसी, आर्टीमीसिया एन्नुआ, मुलैठी, एलोवेरा आदि शामिल हैं। वहीं कुछ पौधे ऐसे भी है जिन्हें गमलों में ही उगाया जा सकता है। इन पौधों की खेती करने के लिए आपको कुछ हजार रुपए की ही जरूरत होती है। लेकिन इससे लाखों में कमाई की जा सकती है।
इन सभी हर्बल पौधों में से यदि हम तुलसी की बाद करें तो इसकी खेती कर आप काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं। तुलसी के कई प्रकार होते हैं, जिनसे यूजीनोल और मिथाईल सिनामेट होता है। इनके इस्तेमाल से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं बनाई जाती हैं। 1 हेक्टेयर पर तुलसी उगाने में केवल 15 हजार रुपए खर्च होते हैं लेकिन, 3 महीने बाद ही यह फसल लगभग 3 लाख रुपए तक बिक जाती है। आपको बता दें कि पतंजलि, डाबर, वैद्यनाथ आदि आयुर्वेद दवाएं बनाने वाली कंपनियां तुलसी की कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग कराती हैं। बता दें कि तुलसी के बीज और तेल का बड़ा बाजार है। हर दिन नए रेट पर तेल और तुलसी बीज बेचे जाते हैं।
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बाजार में नैचुरल प्रोडक्ट की मांग हमेशा रहती है। अधिकतर लोग कैमिकल युक्त प्रोडक्ट्स की बजाय प्राकृतिक प्रोडक्ट्स ही अपनाते हैं। नैचुरल प्रोडक्ट्स हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद साबित होते हैं और ना ही इनके कोई साइट इफेक्ट होते हैं। ऐसे में अगर इसे बिजनेस के नजरिए से देखा जाए तो? अगर आपके पास ज्यादा पैसे नहीं हैं लेकिन आप फिर भी बिजनेस करना चाहते हैं तो मेडिसिनल प्लांट की खेती आपके लिए काफी अच्छी साबित हो सकती है। इस बिजनेस को शुरू करने के लिए आपको बहुत अधिक पैसा खर्च करने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी। और ना ही इसके लिए आपको लंबे-चौड़े फार्म की जरूरत है। इसे आप कॉन्ट्रैक्ट पर भी ले सकते हैं।
हो सकती है लाखों की कमाई
आजकल कई कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पर औषधियों की खेती करा रही है। इनकी खेती शुरू करने के लिए आपको कुछ हजार रुपए ही खर्च करने की जरूरत है, लेकिन कमाई लाखों में होती है। अधिकतर हर्बल प्लांट्स ऐसे होतो हैं जो कि कम समय में ही तैयार हो जाते हैं जिनमें तुलसी, आर्टीमीसिया एन्नुआ, मुलैठी, एलोवेरा आदि शामिल हैं। वहीं कुछ पौधे ऐसे भी है जिन्हें गमलों में ही उगाया जा सकता है। इन पौधों की खेती करने के लिए आपको कुछ हजार रुपए की ही जरूरत होती है। लेकिन इससे लाखों में कमाई की जा सकती है।
आयुर्वेद दवाएं बनाने वाली कंपनियां कराती हैं तुलसी की कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग
इन सभी हर्बल पौधों में से यदि हम तुलसी की बाद करें तो इसकी खेती कर आप काफी अच्छी कमाई कर सकते हैं। तुलसी के कई प्रकार होते हैं, जिनसे यूजीनोल और मिथाईल सिनामेट होता है। इनके इस्तेमाल से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की दवाएं बनाई जाती हैं। 1 हेक्टेयर पर तुलसी उगाने में केवल 15 हजार रुपए खर्च होते हैं लेकिन, 3 महीने बाद ही यह फसल लगभग 3 लाख रुपए तक बिक जाती है। आपको बता दें कि पतंजलि, डाबर, वैद्यनाथ आदि आयुर्वेद दवाएं बनाने वाली कंपनियां तुलसी की कॉन्ट्रेक्ट फार्मिंग कराती हैं। बता दें कि तुलसी के बीज और तेल का बड़ा बाजार है। हर दिन नए रेट पर तेल और तुलसी बीज बेचे जाते हैं।
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